SCO summit 2025:
बीजिंग, एजेंसियां। चीन के तियानजिन में हुई SCO बैठक के परिणामों पर यूक्रेन ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने तियानजिन में हुई शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक के परिणामों को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। SCO की 20 पेज के घोषणा पत्र में रूस-यूक्रेन युद्ध का कोई जिक्र नहीं किया गया, और यह बात यूक्रेन को चिढ़ा गई। यूक्रेन ने इसे एक नकारात्मक संकेत बताते हुए कहा कि यह यूरोप में हुए सबसे बड़े आक्रमण की अनदेखी है, जो विश्व युद्ध-2 के बाद सबसे गंभीर मानी जाती है।
यूक्रेन का आरोप:
यूक्रेन ने कहा कि यह युद्ध पिछले कई दशकों में यूरोप में हुआ सबसे बड़ा आक्रमण है और इतने महत्वपूर्ण दस्तावेज में इसका उल्लेख न होना “काफी हैरान करने वाला” है। यूक्रेन ने यह भी कहा कि इस बात की चुप्पी साफ तौर पर एक बड़ी चूक है, जबकि घोषणा पत्र में अन्य कई युद्धों, आतंकवादी हमलों और वैश्विक घटनाओं का जिक्र किया गया है। यूक्रेन का कहना है कि जब तक रूस की आक्रामकता का न्यायसंगत अंत नहीं किया जाता, तब तक वैश्विक विकास, अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा, और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों का पालन करना संभव नहीं है। यूक्रेन ने इस बात पर जोर दिया कि SCO समिट में रूस-यूक्रेन युद्ध का उल्लेख न होना, रूस के कूटनीतिक प्रयासों की असफलता का संकेत है।
रूस की चाल असफल:
यूक्रेन का मानना है कि रूस की यह कोशिश कि वह युद्ध को लेकर विश्व को दो हिस्सों में बांट दे, पूरी तरह से असफल हो गई है। रूस ने यह धारणा बनाने की कोशिश की थी कि यूरोप और उत्तरी अमेरिका के बाहर के देशों में उसकी आक्रामकता को लेकर सकारात्मक सोच है, लेकिन तियानजिन में हुई SCO बैठक में इस पर कोई चर्चा नहीं हुई।
चीन से शांति की अपील:
यूक्रेन ने चीन की महत्वपूर्ण भूराजनीतिक भूमिका को देखते हुए बीजिंग से आग्रह किया है कि वह यूक्रेन में शांति स्थापित करने के लिए अधिक सक्रिय भूमिका निभाए। यूक्रेन का मानना है कि शांति तभी संभव होगी जब सभी पक्ष संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों का सम्मान करेंगे। यूक्रेन ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि वह रूस की आक्रामकता का आकलन करते समय अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के नियमों का पालन करें।
इसे भी पढ़ें