नई दिल्ली, एजेंसियां। केंद्र सरकार ने UGC-NET की परीक्षा रद्द कर दी है। यह परीक्षा दो दिन पहले 18 जून को हुई थी। परीक्षा दो शिफ्ट में ओएमआर यानी पेन और पेपर मोड में ली गई थी।
बीते बुधवार को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) को परीक्षा के बारे में गृह मंत्रालय के इंडियन साइबर क्राइम कोर्डिनेशन सेंटर से परीक्षा में गड़बड़ी के इनपुट्स मिले थे।
शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह संकेत मिला कि परीक्षा कराने में ईमानदारी नहीं बरती गई।
अब NTA परीक्षा आयोजित करेगा
इसके बाद शिक्षा मंत्रालय ने परीक्षा प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए इसे रद्द करने का आदेश नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) को दिया।
अब नए सिरे परीक्षा होगी। इसकी जानकारी अलग से शेयर की जाएगी। केंद्र ने जांच के लिए मामला सीबीआई (CBI) को सौंप दिया है।
पहले आनलाइन होती थी परीक्षा
UGC NET एग्जाम देशभर की यूनिवर्सिटीज में PhD एडमिशन्स, जूनियर रिसर्च फेलोशिप यानी JRF और असिस्टेंट प्रोफेसर के पद के लिए होता है।
UGC के अध्यक्ष एम. जगदीश कुमार ने बताया था कि देश के 317 शहरों में परीक्षा हुई थी। 11.21 लाख से अधिक पंजीकृत अभ्यर्थियों में से लगभग 81% उपस्थित हुए थे।
इससे पहले UGC NET का एग्जाम ऑनलाइन CBT यानी कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट होता था। ये बदलाव इसलिए किया गया, ताकि सभी सब्जेक्ट्स और सभी सेंटर्स पर एग्जाम एक ही दिन में आयोजित किया जा सके।
साथ ही दूर-दराज के सेंटर्स में भी एग्जाम आयोजित हो सकें।
विरोधी दलों ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना
UCG-NET एग्जाम रद्द होने पर कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। मोदी सरकार- ‘पेपर लीक सरकार’ बन गई है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि भाजपा सरकार का लोकतंत्र व लचरतंत्र युवाओं के लिए घातक है।
NEET परीक्षा में हुए घपले की खबरों के बाद अब 18 जून को हुई NET की परीक्षा भी गड़बड़ियों की आशंका के चलते रद्द की गई।
क्या अब जवाबदेही तय होगी? क्या शिक्षा मंत्री इस लचरतंत्र की जिम्मेदारी लेंगे?
वहीं, आम आदमी पार्टी ने कहा कि BJP की निक्कमी सरकार में एक भी परीक्षा बिना धांधली और पेपर लीक के संपन्न नहीं हो रही है।
इस सरकार से देश के भविष्य को बड़ा नुकसान हो रहा है। देश के करोड़ों छात्र हर रोज निराशा के अंधकार में डूब रहे हैं।
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