पुणे, एजेंसियां। पुणे पोर्श दुर्घटना मामले में पुणे के ससून जनरल अस्पताल के दो डॉक्टरों को गिरफ्तार किया गया है।
इन डॉक्टरों पर पोर्शे दुर्घटना में शामिल 17 वर्षीय किशोर के रक्त के नमूनों में ‘हेरफेर’ करने का आरोप है।
गिरफ्तार किए गए डॉक्टरों में डॉ. अजय तावरे और डा. श्रीहरि हरनोर शामिल हैं। इस दुर्घटना में 19 मई को दो तकनीशियनों अनीश अवधिया और अश्विनी कोष्टा की मौत हो गई थी।
किशोर को 19 मई को सुबह 9 बजे अस्पताल भेजा गया था, लेकिन कथित तौर पर उसके रक्त के नमूने रात 11 बजे एकत्र किए गए।
गिरफ्तारियां तब हुईं जब पता चला कि नाबालिग के रक्त के नमूने किसी दूसरे व्यक्ति के रक्त के नमूनों से बदल दिए गए थे जिसने शराब नहीं पी थी।
फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी की रिपोर्ट में पहले नमूने में अल्कोहल नहीं पाया गया, जिससे संदेह पैदा हो गया।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि दूसरी रक्त रिपोर्ट में नाबालिग के शरीर में अल्कोहल पाया गया तथा डीएनए परीक्षण से पुष्टि हुई कि नमूने दो अलग-अलग व्यक्तियों के थे, जिससे जांचकर्ताओं को संदेह हुआ कि सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों ने आरोपी किशोर को बचाने के लिए सबूतों के साथ छेड़छाड़ की थी।
पुणे अपराध शाखा फिलहाल दोनों डॉक्टरों से महत्वपूर्ण साक्ष्यों से छेड़छाड़ में उनकी कथित भूमिका के बारे में पूछताछ कर रही है।
नाबालिग, जो कथित तौर पर शराब के नशे में पोर्श चला रहा था, को शुरू में जमानत दे दी गई थी, लेकिन बाद में लोगों के आक्रोश के बाद उसे 5 जून तक निगरानी गृह में भेज दिया गया।
इस मामले में उसके पिता, जो एक रियल एस्टेट डेवलपर हैं, और दादा को भी गिरफ्तार किया गया है।
उन पर परिवार के ड्राइवर को दुर्घटना के लिए दोषी ठहराने के लिए रिश्वत देने और धमकाने का प्रयास करने का आरोप है।
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