Gaza ceasefire:
नई दिल्ली, एजेंसियां। सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बीच व्हाइट हाउस में अहम बैठक होने जा रही है। इस बैठक पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हैं क्योंकि उम्मीद है कि गाजा में संघर्ष विराम पर सहमति बन सकती है। ट्रंप ने बैठक से पहले सोशल मीडिया पर कहा कि “मध्य पूर्व में कुछ खास होने वाला है।”
ट्रंप का संदेश और प्रस्ताव
ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा, “मध्य पूर्व में महान बदलाव का हमारे पास असली मौका है। हम सभी पहली बार कुछ खास करने के लिए साथ आए हैं और हम इसे पूरा करके रहेंगे।” अमेरिकी प्रशासन ने गाजा संघर्ष विराम के लिए एक प्रस्ताव तैयार किया है, जिसमें सभी बंधकों की 48 घंटे में रिहाई और गाजा से चरणबद्ध तरीके से इस्राइली सेना की वापसी जैसी व्यवस्थाएं शामिल हैं। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती और हमास के निशस्त्रीकरण के प्रावधान भी प्रस्ताव में हैं।
नेतन्याहू के लिए चुनौती
इस्राइल की राजनीतिक जानकार ईटन गिलबोआ के अनुसार, नेतन्याहू पर ट्रंप संघर्ष विराम के लिए दबाव डाल सकते हैं। हालांकि, अगर नेतन्याहू इस पर सहमत होते हैं, तो उनकी गठबंधन सरकार के सहयोगी नाराज हो सकते हैं, क्योंकि कई साथी हमास को पूरी तरह खत्म करने की मांग कर रहे हैं। इस बैठक को नेतन्याहू के लिए राजनीतिक अग्निपरीक्षा कहा जा रहा है।
क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय दबाव
गाजा में इस्राइली हमलों और कतर में हमास ठिकानों पर हमलों के बाद पश्चिम एशिया के देश इस्राइल के खिलाफ लामबंद हो रहे हैं। इसके साथ ही, अमेरिका पर भी दबाव बढ़ा है। ट्रंप ने पहले वेस्ट बैंक पर कब्जा करने की इस्राइल की मंशा को अस्वीकार किया था और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के विरोध का हवाला दिया।इस बैठक के नतीजे गाजा संघर्ष के भविष्य और मध्य पूर्व में स्थिरता के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण होंगे।
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