नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश ,पंजाब तथा हरियाणा के किसान कल यानी 15 फरवरी को चार घंटे रेलवे ट्रैक जाम करेंगे। बताया जा रहा है कि इसका असर डीजल और पेट्रोल की सप्लाई पर पड़ेगा।
इसके कारण कई राज्यों में पेट्रोल-डीजल की किल्लत हो सकती है। बता दें कि किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी को लेकर कानून बनाने समेत विभिन्न मांगों को लेकर दो दिनों से आंदोलन कर रहे हैं।
वे दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान मंगलवार को उनकी पुलिस के साथ भिड़ंत भी हुई थी। पुलिस के लाठीचार्ज से कई किसान घायल भी हुए हैं।
दिल्ली की सड़कों पर लगा जाम
दिल्ली की सड़कों पर किसानों के आंदोलन के कारण आम लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं बुधवार को आंदोलन का दूसरा दिन है।
किसान हरियाणा और दिल्ली बॉर्डर क्रॉस करने की कोशिश कर रहे हैं। बॉर्डर पर बड़ी संख्या में पुलिस के जवान तैनात हैं। उधर, किसानों ने भी दिल्ली कूच करने की पूरी तैयारी कर ली है।
उत्तर प्रदेश, पंजाब तथा हरियाणा के किसान संगठनों के आंदोलन की वजह से दिल्ली की सीमाओं पर ट्रैफिक अस्त-वय्स्त है। हर तरफ जाम लगा हुआ है।
एक बार फिर पुलिस और किसान आमने-सामने हैं। प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए सीमाओं पर बैरिकेडिंग की गई है।
दिल्ली मेट्रो पर भी असर
बता दें कि किसानों के दिल्ली कूच करने की घोषणा के बाद दिल्ली से सटी सीमाओं को सील कर दिया है। सिंघु, टिकरी समेत अन्य बॉर्डर पर बैरिकेडिंग की गई है।
सिंघु बॉर्डर पर बैरिकेडिंग के बाद दिल्ली की ओर आने वाले वाहन बढ़ भी नहीं पा रहे हैं। टिकरी बॉर्डर पर पुलिस चेकिंग और बैरिकेडिंग के बीच वाहनों की दो किलोमीटर से ज्यादा लंबी कतारें लगी है।
सीमावर्ती क्षेत्रों की निगरानी के लिए ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों का उपयोग किया जा रहा है। किसानों के दिल्ली पहुंचने से पहले ही बॉर्डर पर लंबा जाम लगा है।
गुरुग्राम- दिल्ली नेशनल हाईवे पर सुबह 7 बजे से ही वाहनों की लंबी कतारें लगी हैं। यही हाल गाजीपुर बॉर्डर का भी है। यहां भी पुलिस ने लिंक सड़कों को बंद कर दिया है।
वाहनों को दिल्ली में प्रवेश करने और बाहर निकलने के लिए दोनों कैरिजवे पर राजमार्ग पर केवल एक लेन की अनुमति दी। रजोकरी बॉर्डर के पास भी भारी ट्रैफिक जाम लग रहा है।
इससे यात्रियों को गंभीर असुविधा हुई, जो घंटों तक अपने वाहनों में फंसे रहे। दिल्ली मेट्रो पर भी किसान आंदोलन का असर साफ देखने को मिल रहा है।
मालूम हो कि कई किसान संघों ने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने वाले कानून की मांग को लेकर 13 फरवरी को विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था।
किसानों के इस कूच में ज्यादार संघ उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब से है।
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