नई दिल्ली, एजेंसियां। केंद्रीय विधि एवं न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि नए आपराधिक कानून, अर्थात् भारतीय न्याय संहिता, भारतीय सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1 जुलाई, 2024 को लागू होंगे।
उन्होंने कहा कि इन तीनों नए कानूनों के लिए प्रशिक्षण सुविधाएं सभी राज्यों में प्रदान की जा रही हैं। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (बीपीआरडी) इसके लिए प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है।
उन्होंने कहा, हमारी न्यायिक अकादमियाँ, राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय भी इसके लिए प्रशिक्षण दे रहे हैं। उल्लेखनीय है कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के तहत अपराध की प्रकृति के आधार पर सामान्य आपराधिक कानूनों के तहत पुलिस हिरासत की अवधि 15 दिन से बढ़ाकर 90 दिन कर दी गई है।
अब 318 धाराएं ही होंगी
भारतीय न्याय संहिता में 358 धाराएं (आईपीसी में 511 धाराओं की जगह) होंगी। इस अधिनियम में कुल 20 नए अपराध जोड़े गए हैं और उनमें से 33 की सजा बढ़ा दी गई है।
83 अपराधों में जुर्माने की राशि बढ़ाई गई है और 23 अपराधों में अनिवार्य न्यूनतम सजा तय की गई है। 19 धाराओं को निरस्त कर दिया गया है या हटा दिया गया है।
कई अहम बदलाव किये गये हैं भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में 531 धाराएं (सीआरपीसी की 484 धाराओं की जगह) होंगी।
अधिनियम में कुल 177 प्रावधानों में बदलाव किया गया है और इसमें नौ नई धाराएं और 39 नई उपधाराएं जोड़ी गई हैं।
वहीं भारतीय साक्ष्य अधिनियम में मूल 167 प्रावधानों के बजाय कुल 170 प्रावधान होंगे तथा कुल 24 प्रावधानों में बदलाव किया गया है।
विधेयक में दो नए प्रावधान और छह उप-प्रावधान जोड़े गए हैं तथा छह प्रावधानों को निरस्त या हटा दिया गया है।
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