नई दिल्ली, एजेंसियां। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने संसद के निचले सदन में भगवान शिव की तस्वीर दिखाई।
उनके ऐसा करने पर लोकसभा अध्यक्ष ने नियमों का हवाला दिया। इस पर बहस चल ही रही थी कि राहुल गांधी ने कह दिया कि खुद को हिंदू कहने वाले लोग दिन-रात हिंसा करते हैं। इस पर लोकसभा में भारी हंगामा हो गया।
राहुल गांधी ने बहुत विवादित बयान दिया है। ऐसा बयान जो करोड़ों हिंदुओं की भावना को आहत करने वाला है।
उन्होंने कहा कि जो लोग अपने आपको हिंदू कहते हैं, वो चौबीसों घंटे हिंसा, हिंसा, हिंसा; नफरत, नफरत, नफरत; असत्य, असत्य, असत्य।
राहुल के इस बयान पर लोकसभा में भारी हंगामा हो गया। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खड़े होकर राहुल के इस विचार पर आपत्ति जताई।
हालांकि, जवाब में राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने पीएम मोदी, बीजेपी और आरएसएस को नफरती और हिंसक कहा है, ना कि पूरे हिंदू समाज को।
प्रधानमंत्री मोदी ने राहुल के बयान पर आपत्ति जताते हुए सिर्फ इतना कहा था, ‘ये विषय बहुत गंभीर है।
पूरे हिंदू समाज को हिंसक कहना ये गंभीर विषय है।’ इतने पर राहुल गांधी बोलने लगे, ‘नरेंद्र मोदी पूरे हिंदू समाज नहीं हैं। आरएसएस पूरा हिंदू समाज नहीं है।
अमित शाह ने की राहुल गांधी से माफी की मांग
हंगामे के बीच गृह मंत्री अमित शाह खड़े हुए और राहुल गांधी से माफी की मांग की। उन्होंने कहा कि शोर-शराबा करके इतने बड़े वाकये को छिपाया नहीं जा सकता।
विपक्ष के नेता ने कहा है कि जो अपने आप को हिन्दू कहते हैं, वो हिंसा करते हैं। मैं फिर से दोहराता हूं कि जो अपने आप को हिन्दू कहते हैं, वो हिंसा की बात करते हैं। हिंसा करते हैं?’
शाह ने कहा, ‘इस देश में शायद इनको मालूम नहीं है कि करोड़ों लोग अपने आपको गर्व से हिन्दू कहते हैं। क्या वो सभी लोग हिंसा की बात करते हैं?
हिंसा की भावना को किसी धर्म से जोड़ना ठीक नहीं। संवैधानिक पद पर बैठे राहुल गांधी से गुजारिश है कि माफी मांगें।
इस्लाम में अभय मुद्रा पर विद्वानों और गुरुनानक पर SGPC से मत ले लें। अभय की बात करने का हक इनका नहीं है कि इमरजेंसी ने पूरे देश को भयभीत किया।
दिल्ली में दिन दहाड़े हजारों सिख भाइयों का कत्लेआम हुआ। ये अभय की बात कर रहे हैं। नेता विपक्ष को पहले भाषण में सदन के संग पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए।’
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