Sharadiya Navratri 2025:
रांची। Shardiya Navratri 2025: शारदीय नवरात्र हर साल भाद्रपद और आश्विन मास के संधिकाल में पड़ता है। सामान्यत: नवरात्र 9 दिनों की होती है, लेकिन इस बार पंचांग की गणना के अनुसार 10 दिनों का नवरात्र होगा। इसका कारण यह है कि तृतीया तिथि लगातार दो दिन—24 और 25 सितंबर को पड़ रही है। इसी वजह से एक अतिरिक्त दिन नवरात्र में जुड़ जाएगा। इस बार महानवमी की पूजा 1 अक्टूबर को की जाएगी और विजयादशमी (दशहरा) 2 अक्टूबर को मनाई जाएगी।
घटस्थापना का महत्व और शुभ मुहूर्तः
नवरात्र की शुरुआत प्रतिपदा तिथि से होती है और इस दिन घटस्थापना (कलश स्थापना) का विशेष महत्व माना गया है।
प्रतिपदा तिथि प्रारंभ – 21 सितंबर, रात 1:24 बजे
प्रतिपदा तिथि समाप्त – 22 सितंबर, रात 2:55 बजे
इस दिन सुबह से ही हस्त नक्षत्र रहेगा और 11:55 बजे के बाद का समय विशेष रूप से अधिक शुभ माना गया है। साथ ही शुक्ल योग भी रहेगा, जो कलश स्थापना के लिए अत्यंत मंगलकारी है।
कलश स्थापना के प्रमुख मुहूर्त:
अमृत मुहूर्त – सुबह 6:19 से 7:49 बजे तक
शुभ मुहूर्त – सुबह 9:14 से 10:49 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त – 11:55 से 12:43 बजे तक
मां दुर्गा का आगमन गज वाहन परः
धार्मिक मान्यता है कि मां दुर्गा का वास्तविक वाहन सिंह है, लेकिन उनका पृथ्वी पर आगमन सप्ताह के दिन के अनुसार माना जाता है। इस साल नवरात्र सोमवार से शुरू हो रहा है और सोमवार को मां का वाहन गज (हाथी) माना जाता है।
गज वाहन पर आगमन को अत्यंत शुभ माना जाता है।
यह समृद्धि, शांति और खुशहाली का प्रतीक है।
मान्यता है कि जब मां हाथी पर आती हैं, तो वर्ष अनुकूल और फलदायी होता है।
शारदीय नवरात्र 2025 की तिथियाः
22 सितंबर – प्रतिपदा
23 सितंबर – द्वितीया
24 सितंबर – तृतीया
25 सितंबर – तृतीया
26 सितंबर – चतुर्थी
27 सितंबर – पंचमी
28 सितंबर – षष्ठी
29 सितंबर – सप्तमी
30 सितंबर – अष्टमी
01 अक्टूबर – नवमी
02 अक्टूबर – विजयादशमी (दशहरा)
इस बार नवरात्र क्यों है खास?
- सामान्य 9 दिनों के बजाय यह नवरात्र 10 दिनों का है।
- मां दुर्गा का आगमन गज वाहन पर हो रहा है, जिसे अत्यंत शुभ माना जाता है।
- श्रद्धालुओं का विश्वास है कि इस बार मां दुर्गा की विशेष कृपा से घर-परिवार में सुख, शांति और समृद्धि का वास होगा।
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