मुंबई,एजेंसियां। लगातार विकास के साथ यात्रा और पर्यटन क्षेत्र में 2033 तक देश में 5.82 करोड़ रोजगार मिलने की उम्मीद है। एनएलबी सर्विसेज के मुताबिक, इस क्षेत्र ने पहले और दूसरे क्रम के शहरों पर लगातार रोजगार का सृजन किया है।
एनएलबी ने सोमवार को जारी रिपोर्ट में कहा, कोरोना के समय 2020 में पर्यटन क्षेत्र में 3.9 करोड़ नौकरियां चलीं गईं थीं। यह देश के कुल रोजगार का करीब 8 फीसदी थी।
महामारी से उबरने के बाद सबसे तेज सुधार भी इसी क्षेत्र में देखा गया। पर्यटन में प्रतिभा की मांग में अगस्त 2023 में 44 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। कैलेंडर वर्ष 2023 में 16 लाख अतिरिक्त नौकरियों के पैदा होने की उम्मीद थी।
आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी मुद्रा के महत्वपूर्ण स्रोत के रूप में काम करते हुए यात्रा और पर्यटन ने 2022 में भारत की अर्थव्यवस्था में 15.9 लाख करोड़ रुपये का योगदान दिया।
2023 के लिए 16.5 लाख करोड़ रुपये का अनुमान लगाया गया था। अब तक घरेलू पर्यटकों को आकर्षित करने वाले शीर्ष पांच राज्यों में उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र शामिल हैं।
जनवरी 2023 से, यात्रा और पर्यटन क्षेत्र में दिहाड़ी नौकरियों में 14 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसमें अनुवादक, फोटोग्राफर और टूर गाइड जैसे पद शामिल हैं। 2 वर्षों में 20 प्रतिशत तक की वृद्धि की उम्मीद है।
एनएलबी सर्विसेस के सीईओ सचिन अलग ने कहा, इस क्षेत्र में नियुक्तियों में वृद्धि करने वाले शीर्ष शहरों में दिल्ली एनसीआर, मुंबई, बेंगलुरु, पुणे और कोच्चि शामिल हैं। द्वितीय श्रेणी के शहरों में जयपुर, अहमदाबाद और चंडीगढ़ शामिल हैं।
जिन प्रमुख प्रोफाइलों की मांग आगे बढ़ने वाली है, उनमें सेल्स, (18 प्रतिशत), बिजनेस डेवलपमेंट (17 प्रतिशत), शेफ (15 प्रतिशत), यात्रा सलाहकार (15 प्रतिशत) शामिल हैं।
इसके अलावा टूर ऑपरेटर (15 प्रतिशत), ट्रैवल एजेंट (15 प्रतिशत), होटल व्यवसायी (15 प्रतिशत), गाइड (20 प्रतिशत), वन्यजीव विशेषज्ञ (12 प्रतिशत), और परिवहन (15 प्रतिशत) में भी अच्छी खासी मांग है।
यात्रा और पर्यटन क्षेत्र भी परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। नए दशक में गंतव्य के रूप में जो क्षेत्र उभर रहे हैं उनमें शादियों के लिए यात्रा, धार्मिक पर्यटन, अंतरराष्ट्रीय पर्यटन, एडवेंचर खेल पर्यटन, इकोटूरिज्म, सांस्कृतिक पर्यटन और ग्रामीण पर्यटन जैसे कई नए क्षेत्र भी खुल रहे हैं
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