Gurukul message Durga Puja:
रांची। रांची में एक ऐसा पूजा पंडाल बना है, जिसे देख कर पुस्कालय का भ्रम होता है। इस अनोखे पंडाल की चर्चा सर्वत्र हो रही है। दरअसल यह पंडाल गुरुकुल का संदेश दे रहा है। कंप्यूटर, लैपटाप और मोबाइल के इस युग में पुस्तकें पढ़ने के लिए प्रेरित कर रहा ये पंडाल 21 हजार किताबों से बना है। इसीलिए इसे देख पुस्तकालय का भ्रम होता है।
यहां आ रहे श्रद्धालु इसकी सराहना करते नहीं थक रहे हैं। यह पंडाल प्राचीन ‘गुरुकुल’ शिक्षा व्यवस्था पर आधारित है। यहां लगाई गईं सभी किताबें भारतीय ज्ञान परंपरा और शिक्षा के महत्व को दर्शाती हैं। यह पंडाल रांची के अरगोड़ा चौक पर बना है और देखने में एक भव्य पुस्तकालय जैसा प्रतीत होता है। इस पंडाल में हजारों पुस्तकों के बीच मां दुर्गा की प्रतिमा विराजमान है। इसे देखने के लिए हजारो श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। पुस्तक प्रेमियों को यह पंडाल सुखद अनुभूति प्रदान कर रहा है।
गुरुकुल पंरपरा का दर्शनः
यह पंडाल श्री दुर्गा पूजा एवं रावण दहन समिति द्वारा तैयार किया गया है। समिति के अध्यक्ष पंकज साहू ने बताया कि 21,000 चुनिंदा पुस्तकों से बने इस पंडाल में धार्मिक ग्रंथ रामायण, महाभारत और भगवद् गीता, संविधान की एक प्रति, हिंदी वर्णमाला, विज्ञान, इतिहास और झारखंड आंदोलन पर आधारित पुस्तकें शामिल हैं। 50×40 फुट के पंडाल के अंदर 14 फुट ऊंची दुर्गा प्रतिमा स्थापित की गई है और उसके सामने, कुछ दूरी पर, 15 फुट ऊंचा एक पीपल का पेड़ खड़ा किया गया है। इसके नीचे गुरुकुल परंपरा को दर्शाया गया है, जिसमें ऋषि, शिष्यों से घिरे हुए, रामायण और महाभारत की प्रतियां लिए, देवी की ओर मुख करके खड़े हैं।
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