रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि गरीबों को कोई भी चीज आसानी से नहीं मिलती है। उसके लिए जो नीति निर्धारण होते हैं वो बड़ी ही विचित्र होती है। योजना तो बन जाती है लेकिन उसका लाभ नहीं मिल पाता है। सरकार कुछ कहती है और होता कुछ है।
इसलिए हमलोगों ने अब कार्ययोजना का ही रूप ऐसा बनाया कि सीधे आपको इसका लाभ मिले। इसलिए मैं बार बार कहता हूं कि ये सरकार रांची हेडक्वार्टर से चलने वाली सरकार नहीं है।
मुख्यमंत्री ने ये बातें शनिवार को रांची के खेलगांव में कल्याण विभाग द्वारा आयोजित मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशिय छात्रवृति वितरण कार्यक्रम में कही।
अब अधिकारी आपके पास आते हैं
उन्होंने कहा कि पहले बीडीओ की खोज में हफ्ता बीत जाता था। अब समय बदल रहा है। अब आपको बीडीओ, सीओ के पास जाने की जरूरत नहीं है। अब वो लोग आपके पास आएंगे।
उनको तनख्वाह क्यों मिलता है। आपकी सेवा करने के लिए मिलता है। राज्य अलग होने से पहले और बाद में हमारे विपक्ष ने पदाधिकारियों की चमड़ी मोटी कर दी। इससे ये लोग हिलने के लिए तैयार नहीं होता है। लेकिन याद किजिए सरकार बनने के बाद की चुनौतियां आई।
दो साल तो कोरोना ही खा गया। जब जीवन सामान्य होने लगा तो आपके गांव-गांव, पंचायत-पंचायत में पंडाल लगाकर आपकी समस्या का कर्मचारियों ने निदान किया। आज गांव पंचायत टोला में सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के माध्यम से हमें गांव की असली खबर आने लगी।
मंईयां सम्मान के लिए किसी को भटकना नहीं पड़ा
सीएम ने कहा कि मंईयां सम्मान योजना के लिए किसी को नहीं भटकना पड़ा है। कहीं दौड़ नहीं लगाना पड़ा।
कुछ दलाल जो वर्षों से राक्षस की तरह खड़ा है वह हर जगह अपना रास्ता खोज लेता है। 50- 100 ठगने का काम करता है। अब कानून ऐसा बना है कि दलाल के पास जाने की जरूरत नहीं है।
बूढ़ा बुजुर्ग 50 साल को हो गया तो आप अपना आधार कार्ड लेकर खड़े हो जाइए। बीडीओ का कर्तव्य है कि बिना सवाल जवाब के वह आपको पेंशन योजना से जोड़े।
देश का पहला राज्य जो बच्चों के पढ़ने विदेश भेज रहा
सोरेन ने कहा कि आज 18 साल से 50 साल की जो भी महिला होगी सबको सम्मान मिलेगा। महिलाओं को जो हम सम्मान दे रहे हैं उसको रोकने के लिए ये लोग कोर्ट चला गया है। इस राज्य को हम कोई भी अधिकार देने की कोशिश करते हैं तो ये लोग कोर्ट चला जाता है।
यहां का स्थानीय नीति बनाए तो कोर्ट चले जाते हैं। मंईयां सम्मान दे रहे हैं तो कोर्ट चले गये। बच्चों को नौकरी के लिए एग्जाम दिलाओ तो कोर्ट चले जाते हैं। ये सब काम आपने राज्य में करता है तो सब ठीक रहता है उस वक्त कोई कोर्ट नहीं जाता है।
आज यहां विदेशों में पढ़ने जाने वाले बच्चों को बुलाया गया है। यही लोग बताएं कि देश में ऐसा कौन सा राज्य है कि जहां ये योजना चल रही है। कहीं चल भी रहा होगा तो देश में यह पहला राज्य है जिसने ये कार्यक्रम शुरू किया है।
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