नई दिल्ली, एजेंसियां। बांग्लादेश में शेख़ हसीना के जाने के बाद से कई ऐसी चीज़ें हो रही हैं, जो भारत के लिहाज़ से ठीक नहीं माना जा रहा है।
बीते बुधवार को पाकिस्तान का एक मालवाहक पोत कराची से चलकर बांग्लादेश के दक्षिणपूर्वी तट पर स्थित चटगांव बंदरगाह पर पहुँचा।
1971 में बांग्लादेश मुक्ति युद्ध के बाद से दोनों देशों के बीच यह पहला समुद्री संपर्क हुआ है। इससे पहले दोनों देशों के बीच समुद्री व्यापार सिंगापुर या कोलंबो के ज़रिए होता था।
बांग्लादेश में पाकिस्तान के उच्चायोग ने एक बयान में कहा, “पहली बार है कि पाकिस्तान के कराची से बांग्लादेश के चटगांव बंदरगाह पर कार्गो पोत सीधे पहुँचा है और यह द्विपक्षीय संबंधों में महत्वपूर्ण क़दम की शुरुआत है। “
बयान के अनुसार, “यह नया रूट सप्लाई चेन को और आसान बनाएगा, परिवहन के समय में कमी लाएगा और दोनों देशों के लिए व्यवसाय के लिए नए अवसरों के दरवाज़े खोलेगा।”
असल में, यह सीधा समुद्री संपर्क पाकिस्तान और बांग्लादेश के पारंपरिक जटिल राजनयिक रिश्तों में एक ऐतिहासिक बदलाव को रेखांकित करता है।
साथ ही भारत के साथ दोस्ताना रही शेख़ हसीना सरकार के सत्ता से बेदख़ल होने के बाद बांग्लादेश में सत्ता में आई मोहम्मद यूनुस की अगुवाई वाली नई अंतरिम सरकार में पाकिस्तान से रिश्तों में गर्माहट का भी संकेत है।
लेकिन ताज़ा ख़बर ने भारत में चिंता पैदा कर दी है। हसीना की बेदख़ली के बाद से बांग्लादेश के साथ भारत के रिश्ते पहले ही निम्नतम स्तर पर पहुँच गए हैं।
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