धनबाद। धनबाद में कोयले के रेल सेल के कारोबार में बाहुबलियों का वर्चस्व हमेशा से रहा है। अब इसमें बाहरी दखल भी दिखने लगा है।
माफिया डॉन बृजेश सिंह को चुनौती देने वाले बाहुबली विनीत सिंह ने धनबाद कोयलांचल से कोयले के रेल सेल के कारोबार में हाथ आजमाने की कोशिश शुरू कर दी है। इस भनक से कोयले के कारोबार में बड़े खिलाड़ियों में हलचल मच गई है।
धनबाद, रानीगंज और बेरमो कोयलांचल की रेल साइडिंग से कोयला लदी मालगाड़ियां झारखंड-बिहार से निकलकर उत्तर प्रदेश की मंडियों में पहुंचती हैं, तो वहां कारोबार नियंत्रण वहां के बाहुबली ही करते हैं।
व्यापारी अपने उद्योग के लिए यहां से ही कोयले की खरीद करते हैं। इस रेल सेल के कारोबार में बाहुबलियों की हरी झंडी के बगैर बड़ी-बड़ी हस्ती भी हाथ नहीं आजमा सकती हैं।
साल 2005 में सूर्यदेव सिंह के पुत्र और झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह के समर्थकों ने कोयले के रेल सेल के कारोबार में हाथ आजमाने की कोशिश की थी तो मऊ की इंदारा साइडिंग में गजेंद्र सिंह की हत्या कर दी गई थी।
हत्या के पीछे माफिया डॉन बृजेश सिंह और कोल किंग सुरेश सिंह का नाम उछला था। वाराणसी समेत पूरे पूर्वाचल में कोयले के रेल सेल को नियंत्रित करने का काम प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से बृजेश सिंह और मुख्तार खान कैंप करता रहा है।
इस बीच धनबाद में सिंह मेंशन का वर्चस्व कुछ कम हुआ है। अपने ही चचेरे भाई नीरज की हत्या के आरोप में संजीव सिंह जेल में हैं।
कोल किंग सुरेश सिंह की हत्या हो चुकी है। प्रमोद सिंह की भी हत्या हो चुकी है। रामाधीर सिंह जेल में उम्र कैद की सजा काट रहे हैं। बच्चा सिंह भी नहीं रहे।
उधर, पूर्वांचल में डॉन मुख्तार अंसारी की मौत हो चुकी है। सुभाष ठाकुर जेल में हैं। वहीं, जेल से निकलने के बाड डॉन बृजेश सिंह अभी शांत हैं, या कहें कि उनकी गतिविधिय़ों की कोई खबर नहीं है।
कयास लगाये जा रहे हैं कि वह भी कोयलांचल में हो सकते हैं। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि अभी कोयलांचल का मैदान खाली दिखता है।
पूर्वाचल में कोयले के रेल सेल के कारोबार में बृजेश और सुरेश को चुनौती देने वाले बाहुबली बसपा नेता विनीत सिंह ने झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह से हाथ मिला लिया है।
विनीत सिंह भी एक मामले में होटवार जेल में छह महीने से बंद थे। उस समय संजीव सिंह भी इसी जेल में थे। बृजेश सिंह से संजीव की अदावत रही है।
संजीव सिंह के अग्रज राजीव रंजन का अपहरण और हत्या में बृजेश सिंह और सुरेश सिंह का नाम आता है। दूसरी तरफ पूर्वाचल में विनीत सिंह की बृजेश सिंह से नहीं बनती।
दुश्मन के दुश्मन दोस्त की तर्ज पर विधायक संजीव और विनीत के बीच होटवार जेल में ही अच्छे संबंध बन गये। जेल से बाहर आने के बाद विनीत सिंह सिंह मेंशन भी गये थे।
जब उनकी गाड़ियों का लंबा काफिला धनबाद पहुंचा था, तो वहां सनसनी फैल गई थी। यहां विनीत सिंह ने कुछ कारोबारियों के साथ गुप्त बैठक भी की थी।
इसके बाद विनीत धनबाद से कोयले के रेल सेल के कारोबार में हाथ आजमाने के लिए समीकरण तैयार करने में जुट गए हैं।
इधर सिंह मेंशन के चिराग संजीव सिंह भी एक मजबूत साथी की तलाश में थे, जो पूर्वांचल उनके कारोबार को आगे बढ़ा सके।
इसके लिए उन्हें विनीत सिंह से बेहतर और कौन मिल सकता था। संजीव सिंह की शह मिलने के बाद विनीत ने कोयलांचल के कई लोगों से संपर्क साधा है।
इस बीच विनीत सिंह की मुलाकात कुछ पत्रकारों से भी हुई। विनीत सिंह ने स्वीकार किया कि वह कोयले के रेल सेल के कारोबार में शामिल हैं।
फिलहाल रानीगंज और गुवाहाटी से रेल सेल का कारोबार होता है। अब धनबाद से भी कोयले के रेल सेल का कारोबार करने की योजना बना रहे हैं।
जानकारों का कहना है कि धनबाद कोयलांचल से रेल सेल के कारोबार में विनीत सिंह की इंट्री के बाद खून-खराबा से इन्कार नहीं किया जा सकता है। कोयलांचल और पूर्वांचल में रेल सेल को नियंत्रित करने वाले बाहुबली आपस में टकरा सकते हैं।
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