Chitragupta Puja 2025:
नई दिल्ली, एजेंसियां। कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज के साथ ही चित्रगुप्त पूजा का पर्व भी मनाया जाता है। इस साल यह शुभ अवसर 23 अक्टूबर को मनाया जाएगा। हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, इस दिन भगवान ब्रह्मा के चित्त से उत्पन्न हुए चित्रगुप्त जी की पूजा का विशेष विधान है। माना जाता है कि जो भक्त इस दिन विधि-विधान से पूजा करते हैं, उन्हें जीवन की कठिनाइयों से मुक्ति मिलती है और पाप कर्मों का नाश होता है।
क्या करें चित्रगुप्त पूजा के दिन?
पूजा से पहले घर और पूजा स्थल की अच्छी तरह सफाई करें। स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और लकड़ी की चौकी पर पीले कपड़े बिछाकर भगवान चित्रगुप्त की मूर्ति स्थापित करें। पूजा में कलम, किताब और स्याही रखना शुभ माना जाता है। ‘ऊँ श्री गणेशाय नमः’ और ‘ऊँ चित्रगुप्ताय नमः’ मंत्र का जाप करें।
भगवान को रोली, चंदन, फूल और पंचामृत अर्पित करें। कागज पर ‘श्री गणेशाय नमः’ और ‘ऊँ चित्रगुप्ताय नमः’ लिखकर अपनी इच्छाएं लिखें और मंत्र “मसिभाजन संयुक्तश्चरसि त्वम्! महीतले लेखनी कटिनीहस्त चित्रगुप्त नमोस्तुते” का उच्चारण करें। पूजा के बाद आरती करें और प्रसाद का वितरण करें।
क्या नहीं करें इस दिन?
चित्रगुप्त पूजा के दिन तामसिक भोजन जैसे मांस, मदिरा या प्याज-लहसुन का सेवन वर्जित है। गंदे कपड़े पहनकर पूजा करना अशुभ माना गया है। पूजा के समय ध्यान भटकाना या विधि में गलती करना भी उचित नहीं है। इस दिन किसी से झगड़ा न करें, क्रोध और नकारात्मक भावनाओं से बचें तथा किसी जीव-जंतु को कष्ट न दें।
चित्रगुप्त पूजा का दिन आत्मनिरीक्षण और अच्छे कर्मों की दिशा में आगे बढ़ने का अवसर माना जाता है। इस दिन भगवान चित्रगुप्त की आराधना से व्यक्ति के जीवन में ज्ञान, सत्य और न्याय का प्रकाश फैलता है।
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