नयी दिल्ली, एजेंसियां : भारत और मालदीव ने भारतीय हेलीकॉप्टर के संचालन के लिए इस द्वीप देश में भारत के असैन्य कर्मियों की तैनाती की समीक्षा की।
दोनों पक्षों ने माले में आयोजित उच्च स्तरीय कोर समूह की तीसरी बैठक में द्वीपीय देश से भारतीय सैन्यकर्मियों की वापसी पर ध्यान केंद्रित करते हुए इसकी समीक्षा की।
भारत ने शुक्रवार को कहा कि मालदीव में एक उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर का संचालन करने वाला सैन्य कर्मियों का उसका पहला दल उस देश से लौट आया है। सैन्य दल का स्थान असैन्य तकनीकी विशेषज्ञों ने ले लिया है।
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने अपने देश से भारतीय सैन्यकर्मियों के पहले समूह की वापसी के लिए 10 मार्च की समय सीमा तय की थी।
विदेश मंत्रालय (एमईए) ने एक बयान कहा, ‘‘बैठक के दौरान, दोनों पक्षों ने मालदीव के लोगों को मानवीय और चिकित्सकीय निकासी सेवाएं प्रदान करने वाले भारतीय हेलीकॉप्टर के निरंतर संचालन के लिए भारतीय तकनीकी कर्मियों की जारी प्रतिनियुक्ति की समीक्षा की।’’
इसमें कहा गया कि दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय सहयोग से संबंधित व्यापक मुद्दों पर अपनी चर्चा जारी रखी।
बयान में कहा गया, ‘‘इसमें अन्य बातों के साथ-साथ संयुक्त निगरानी तंत्र के नियमित आयोजन के माध्यम से चल रही विकास सहयोग परियोजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाना, द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के प्रयास और क्षमता निर्माण तथा यात्रा के माध्यम से दोनों देशों के लोगों के बीच संबंधों को बढ़ाना शामिल है।’’
इस बात पर सहमति बनी कि उच्च स्तरीय कोर समूह की अगली बैठक पारस्परिक रूप से सुविधाजनक तिथि पर नयी दिल्ली में होगी।
भारतीय सैन्य कर्मियों की वापसी के मुद्दे के समाधान के लिए गठित उच्च स्तरीय कोर समूह की दूसरी बैठक के बाद, मालदीव के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि भारत 10 मई तक दो चरणों में अपने सभी सैन्य कर्मियों को असैन्य कर्मियों से बदल देगा।
कोर समूह की दूसरी बैठक दो फरवरी को दिल्ली में हुई।
दिसंबर में दुबई में सीओपी-28 शिखर सम्मेलन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू के बीच एक बैठक के बाद दोनों पक्षों ने कोर ग्रुप गठित करने का निर्णय लिया था।
नवंबर में मुइज्जू के सत्ता में आने के बाद से भारत और मालदीव के बीच संबंधों में कुछ तनाव आ गया। चीन समर्थक नेता के रूप में देखे जाने वाले मुइज्जू ने देश के राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालने के बाद कहा कि वह भारतीय सैन्य कर्मियों को अपने देश से बाहर निकालने के अपने चुनावी वादे को पूरा करेंगे।
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