रांची। रांची यूनिवर्सिटी के कॉलेजों में अब स्ट्रीम वाइज पढ़ाई होगी। यानी सांइस, आर्ट्स और कॉमर्स के लिए अलग-अलग कॉलेज होंगे।
इसका प्रस्ताव तैयार हो गया है। मंगलवार को उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग में इसे लेकर बैठक हुई।
इसमें विभाग एवं यूनिवर्सिटी के अधिकारी और कॉलेजों के प्रिंसिपल ने इस प्रस्ताव पर मंथन किया।
बता दें कि अभी हर कॉलेज में साइंस, सोशल साइंस, ह्यूमिनिटी, कॉमर्स और वोकेशनल कोर्स की पढ़ाई होती है।
नई योजना लागू होने पर डोरंडा कॉलेज में सिर्फ साइंस की पढ़ाई होगी और इसे डोरंडा साइंस कॉलेज के नाम से जना जायेगा।
वहीं मारवाड़ी कॉलेज में केवल कॉमर्स स्ट्रीम के स्टूडेंट्स का एडमिशन लिया जाएगा और इसे मारवाड़ी कॉमर्स कॉलेज के नाम से जाना जायेगा।
सोशल साइंस में स्टूडेंट्स की संख्या अधिक होती है, इसलिए दो कॉलेजों को डेवलप किया जाएगा।
इसमें जेएन कॉलेज धुर्वा और रामलखन सिंह यादव कॉलेज शामिल है। इसी प्रकार कांके रोड स्थित एसएस मेमोरियल कॉलेज में ह्यूमिनिटी स्ट्रीम और प्रोफेशनल कोसों की पढ़ाई की जाएगी।
इन कारणों से हो रहा बदलावः
- वैश्विक स्तर का लैब : साइंस की पढ़ाई के लिए डोरंडा कॉलेज में वैश्विक स्तर का लैब स्थापित किया जाएगा। सिर्फ एक कॉलेज में साइंस की पढ़ाई से होने से उपकरण से लेकर केमिकल तक उपलब्ध कराना आसान होगा। अभी सभी कॉलेजों में लैब संचालित करना पड़ता है।
- शिक्षकों की कमी दूर होगी : स्ट्रीम वाइज कॉलेज डेवलप करने से शिक्षकों की कमी दूर होगी। उदाहरण के तौर पर कॉमर्स के दो शिक्षक तकरीबन सभी कॉलेजों में है। लेकिन एक कॉलेज में पढ़ाई होने से शिक्षकों की संख्या कई गुना बढ़ जाएगी। अन्य कॉलेज के शिक्षक एक कॉलेज में शिफ्ट हो जाएंगे। 3. क्वालिटी एजुकेशन : राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार कॉलेजों में पढ़ाई शुरू हो गई है। इस नीति का लाभ स्टूडेंट्स को तभी मिल पाएगा, जब छात्र-फैकल्टी के बीच संवाद बढ़ेगा। एकेडमिक एक्टिविटी बढ़ना होगा। सिर्फ एक स्ट्रीम की पढ़ाई होने से पेपर वाइज शिक्षकों की नियुक्ति-प्रतिनियुक्ति आसान हो जाएगी।
- छात्रों की कमी भी दूर होगी : यूजी-पीजी में कई ऐसे विषय हैं, जिसमें छात्रों की संख्या काफी कम है। पर शिक्षक की कमी नहीं है। एक कॉलेज में पढ़ाई होने से छात्रों की संख्या में कमी नहीं रहेगी। शिक्षक-छात्र अनुपात में गैप नहीं रहेगा।
वीमेंस कॉलेज बनेगी यूनिवर्सिटी:
रांची यूनिवर्सिटी के वीमेंस कॉलेज को यूनिवर्सिटी का दर्जा देने पर कार्य शुरू कर दिया गया है। यूनिवर्सिटी बनाने के लिए वीमेंस कॉलेज में जिन-जिन संसाधनों की आवश्यकता पड़ेगी, उन्हें डेवलप कर यूजीसी को प्रस्ताव को भेजा जाएगा।
बताते चलें कि इससे पहले आरयू के रांची कॉलेज को डेवलप कर डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी यूनिवर्सिटी का दर्जा दिया जा चुका है।
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