लोकतंत्र के मंदिर में गुजरी सारी रात
रांची। झारखंड में बीजेपी विधायकों ने देर रात तक सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। बीजेपी विधायक विधानसभा परिसर के अंदर रेलवे स्टेशन की तरह जमीन पर चादर बिछाकर सो गए।
सारी रात मच्छरों ने उन्हें परेशान भी किया। संभवत ऐसा पहली बार हुआ है, जब राज्य सरकार के खिलाफ विरोध करने के लिए विपक्षी विधायकों ने इस तरह प्रदर्शन किया हो।
बता दें कि बुधवार रात 10 बजे सदन से मार्शल द्वारा विधायकों को जबरन बाहर निकाले जाने के बाद सभी विधायक लॉबी में बैठ गए और सरकार पर ज्यादती बरतने का आरोप लगाया।
विपक्षी विधायकों की नाराजगी तब और बढ़ गई, जब सदन के अंदर की लाइट बंद कर दी गई और उन्हें बगैर बिजली और एसी के घंटों रहना पड़ा। मुख्यमंत्री के आने के बाद भी इसका कोई खास समाधान नहीं निकला।
विधायक लॉबी में बीती रात
बीजेपी और आजसू के विधायक रातभर विधायक लॉबी में डटे रहे और वहीं विश्राम किया। इस दौरान मच्छरों से माननीय का सामना होता रहा।
सुबह नींद जब खुली तो 5 बज चुके थे किसी ने विधानसभा परिसर में ही मार्निंग वॉक की तो कोई नित्यकर्म के लिए बारी बारी से बगल के आवास में चले गए।
हालांकि नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी सुबह 7 बजे तक विधायक लॉबी में ही जमे रहे। बीजेपी और आजसू विधायकों का यह आंदोलन भले ही काफी कठिन और अपने आप में झारखंड विधानसभा के इतिहास में पहला है, जहां विपक्ष ने लोकतंत्र के मंदिर में पूरी रात बिताई हो।
आज सत्र का पांचवा दिन
बहरहाल विधानसभा के मानसून सत्र का आज 1 अगस्त को पांचवां दिन है। जिस तरह से विपक्ष का रुख है उससे साफ जाहिर होता है कि सदन हंगामेदार होगा क्योंकि विपक्ष मुख्यमंत्री से सदन में जवाब की मांग पर अड़ा है और सत्तापक्ष परंपरा की दुहाई देकर सत्र के अंतिम दिन मुख्यमंत्री का जवाब आने की बात कह रहा है।
दरअसल, मानसून सत्र के चौथे दिन बीजेपी विधायकों ने सदन में सरकार के खिलाफ जमकर हंगामा किया। कई मुद्दों पर सोरेन सरकार को घेरा और जवाब मांगा।
सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई
बीजेपी विधायकों ने सदन में सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। रोजगार और बेरोजगारी भत्ता पर ध्यान देने की मांग की।
बीजेपी विधायकों ने सदन में युवाओं के रोजगार अनुबंध और संविदा कर्मियों के नियमितीकरण का मुद्दा उठाया। इसके अलावा कारखाना ( झारखंड संशोधन) विधेयक 2023 को वापस लेने पर हंगामा किया।
बीजेपी विधायकों ने कहा कि जिन लोगों ने आशा और विश्वास के साथ सरकार को 2019 में बहुमत देकर सत्ता में बैठाया था।
राज्य सरकार ने अपने चुनावी वायदे में कहा था कि हर साल 5 लाख युवाओं को रोजगार देंगे। रोजगार नहीं देने पर उन्हें बेरोजगारी भत्ता (5000 और 7000) देंगे, वो आज तक नहीं मिला।
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