Landslide:
शिमला, एजेंसियां। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के किरतपुर-मनाली हाईवे के किनारे स्थित पांच गांवों में हाईवे चौड़ीकरण के कारण भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है। तनिपरी, शाला नाल, जला नाल, तन्हुल और थलौत गांवों के करीब नौ परिवारों ने अपने घर खाली कर दिए हैं। स्थानीय लोग एनएचएआई द्वारा की गई सड़क चौड़ीकरण की विधि को गलत बताते हुए मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
अधिकारियों ने बताया
स्थानीय बलीचौकी उपमंडल के अधिकारियों ने बताया कि इन गांवों में कई घरों में दरारें आ गई हैं और खेती की जमीन भी धंसने लगी है। बलीचौकी उपमंडल मजिस्ट्रेट देवी सिंह ने कहा कि हाईवे चौड़ीकरण कार्य के कारण जमीन अस्थिर हो गई है। उन्होंने एनएचएआई से उन जगहों पर रिटेनिंग वॉल बनाने की मांग की है ताकि भूस्खलन की समस्या को नियंत्रित किया जा सके।
स्थानीय निवासियों ने बताया
स्थानीय निवासियों ने बताया कि तीन साल पहले शुरू हुए चौड़ीकरण कार्य के बाद से उनके घरों और आसपास की जमीन में दरारें आनी शुरू हुईं। शौभा राम भारद्वाज ने कहा कि सड़क निर्माण कंपनी ने वैज्ञानिक तरीके से कार्य नहीं किया और पहाड़ को सीधा काटने की वजह से भूस्खलन की समस्या गंभीर हो गई।तनिपरी गांव में नौ परिवारों ने अपने घर खाली कर दिए हैं, जिनमें कुल 28 सदस्य प्रभावित हुए हैं। ये घर हाईवे की सुरंग के ऊपर स्थित थे, और भूस्खलन का क्षेत्र अब गाँव के किनारे तक पहुंच चुका है। प्रभावित लोग एनएचएआई से उचित मुआवजा और राहत की मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई आधिकारिक जवाब नहीं मिला है।
मजिस्ट्रेट देवी सिंह ने दिया आश्वासन
मजिस्ट्रेट देवी सिंह ने आश्वासन दिया है कि प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा के लिए जल्द ही रिटेनिंग वॉल और अन्य जरूरी उपाय किए जाएंगे, जिससे लोगों की जान और संपत्ति सुरक्षित रहे। प्रशासन इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए तत्काल कदम उठा रहा है।
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