रांची : पूजा सिंघल के बाद झारखंड के एक और आइएएस अधिकारी रामनिवास यादव पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। उनके आवास पर हुई रेड के बाद वे जांच के घेरे में आ गए हैं। अवैध कारतूस रिश्वत के पैसे और सैलरी के फेर में साहिबगंज डीसी फंसे हैं।
अनभिज्ञता जाहिर की
अब उन्हें ईडी की ओर से पूछताछ के लिए समन जारी किया जा सकता है। ईडी की टीम ने बुधवार को साहिबगंज स्थित उनके आवास, कार्यालय और राजस्थान स्थित आवास पर एक साथ रेड किया था। रेड में उनके आवास से रिश्वत के आठ लाख रुपये तथा 9 एमएम पिस्टल के 11 कारतूस मिले थे। ईडी ने जब उनके आवास से बरामद पैसों और गोलियों के बाबत पूछताछ की तो उन्होंने अनभिज्ञता जाहिर की। ईडी ने अपनी जांच में पाया है कि साहिबगंज डीसी के रूप में पोस्टिंग के बाद दो साल तक रामनिवास यादव ने अपने सैलरी एकाउंट से कभी पैसे नहीं निकाले।
अपना गुजारा कैसे करते थे
ईडी ने उनसे पूछा है कि बगैर सैलरी खाते से निकासी के वे अपना गुजारा कैसे करते थे। एजेंसी ने यह भी पाया है कि जब उन्हें समन जारी किया गया तब उन्होंने सैलरी खाते से निकासी शुरू की। बताते चलें कि रामनिवास यादव झारखंड के तीसरे ऐसे आइएएस अधिकारी हैं जिनपर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। उनसे पहले पूजा सिंघल और छवि रंजन ईडी के शिकंजे में फंसकर जेल में बंद हैं।
रामनिवास यादव झारखंड कैडर के आईएएस हैं
राजस्थान के मूल निवासी रामनिवास यादव झारखंड कैडर के आईएएस हैं जो जयपुर के पास हिंगोनिया गांव के रहने वाले हैं। रामनिवास यादव ने कंप्यूटर साइंस में बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। उनका जन्म 6 मई 1981 को राजस्थान में हुआ था। 9 अक्टूबर 2020 को उन्होंने साहिबगंज डीसी के पद पर योगदान दिया था।
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