नई दिल्ली, एजेंसियां। ‘नाबालिग लड़की के ब्रेस्ट पकड़ना और उसके पायजामे के नाड़े को तोड़ना रेप नहीं…’ इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस कमेंट पर सुप्रीम कोर्ट ने खुद से नोटिस लिया। जस्टिस बीआर गवई और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच आज इस मामले की सुनवाई करेगी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने क्या कहा था:
किसी लड़की के निजी अंग पकड़ लेना, उसके पायजामे का नाड़ा तोड़ देना और जबरन उसे पुलिया के नीचे खींचने की कोशिश से रेप या ‘अटेम्प्ट टु रेप’ का मामला नहीं बनता। 17 मार्च को इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस राम मनोहर नारायण मिश्रा ने ये फैसला सुनाते हुए 2 आरोपियों पर लगी धाराएं बदल दीं। वहीं 3 आरोपियों के खिलाफ दायर क्रिमिनल रिवीजन पिटीशन स्वीकार कर ली थी।
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