पटना: बिहार के चर्चित बाहुबली नेता पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी का कांग्रेस में विलय हो गया है।
दिल्ली में कांग्रेस पार्टी के मुख्यालय में पप्पू यादव ने अपने परिवार और अन्य सदस्यों की मौजूदगी में ‘जाप’ का कांग्रेस में विलय कर दिया।
पप्पू यादव की गिनती बिहार के बाहुबलियों में की जाती रही है। हालांकि बिहार में बाढ़ के दौरान पप्पू यादव ‘मसीहा’ बन लोगों के लिए काम करते हुए नजर आते हैं।
पप्पू यादव जब बाहुबली हुआ करते थे, तब ऐसे-ऐसे काम किए कि उन्हें कई बार जेल जाना पड़ा। वो 17 साल तक जेल में रहे हैं।
उनकी पत्नी रंजीता रंजन भी राजनीति में हैं। उनकी पहचान ‘बुलेट रानी’ के रूप में होती है।
आइए जातने हैं बुलेट रानी’ के हसबैंड की लाइफ के बारे में…
पप्पू यादव का जन्म मधेपुरा जिले में 1967 में हुआ था। उनकी शादी 6 फरवरी 1994 को कांग्रेस नेता रंजीता रंजन से हुई है।
रंजीता अपनी शादी में चार्टर्ड प्लेन से पूर्णिया गई थीं। इसका खर्चा पप्पू यादव ने उठाया था। एक न्यूज चैनल के इस बात का खुलासा खुद रंजीता रंजन ने किया था।
पप्पू यादव की पत्नी रंजीता रंजन छत्तीसगढ़ से कांग्रेस की राज्यसभा सदस्य हैं। राजनीति में उनकी पहचान ‘बुलेट रानी’ के रूप में होती है, क्योंकि अक्सर वो अपनी बाइक से सदन का कार्यवाही में शामिल होने के लिए पहुंचती हैं।
बता दें कि रंजीता रंजन टेनिस प्लेयर रही हैं। पप्पू यादव 1990 में निर्दलीय विधायक चुनकर आए थे।
1990 से सक्रिय राजनीति में आए पप्पू यादव की पहचान बिहार में बाहुबली नेता के रूप में होती है।
उन पर हत्या, किडनैपिंग, मारपीट, बूथ कैप्चरिंग, आर्म्स एक्ट जैसे कई मामले अलग-अलग थानों में दर्ज हुए।
उस दौर में बिहार के सीमांचल में पप्पू यादव का ‘सिक्का’ चलता था। पप्पू यादव मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) के नेता अजीत सरकार के हत्या के आरोप में कई साल जेल में रहे।
पप्पू यादव 1990 में विधायक बनने के बाद पांच बार लोकसभा के सदस्य रहे। पहली बार 1991 में पूर्णिया से निर्दलीय चुनाव लड़े और जीत हासिल की।
इसके बाद 1996 और 1999 में भी वह पूर्णिया से ही निर्दलीय सांसद बने। 2004 में लालू प्रसाद यादव ने पप्पू यादव को मधेपुरा से आरजेडी का टिकट दिया और वह चौथी बार जीते।
2008 में सीपीएम नेता अजीत सरकार की हत्या का आरोप साबित हो गया तो पप्पू यादव की सदस्यता रद्द हो गई।
2013 में पटना हाईकोर्ट से राहत मिलने के बाद पप्पू यादव फिर पांचवी बार 2014 में आरजेडी के टिकट से मधेपुरा से चुनाव लड़े और पांचवीं बार जीते।
2014 में राजद के टिकट पर सांसद बनने वाले पप्पू यादव को 2015 में ‘सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन’ करने वाले सांसद का खिताब मिल चुका है।
इसी साल 2015 में तेजस्वी यादव की बयानबाजी से नाराज होकर पप्पू यादव ने राजद से दूरी बनाकर अपनी ‘जन अधिकार पार्टी’ बनाई।
2019 में उन्होंने अपनी पार्टी से चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। 2013 में जेल से आने के बाद से ही पप्पू यादव का रुख बदल चुका था।
अब वो परेशानी के वक्त लोगों के साथ खड़े नजर आते हैं, चाहे बात बिहार में बाढ़ की हो या कोई और।
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