रांची। चाईबासा के निकट रेलवे ट्रैक पर मिल शवों का राजफाश हो गया है। इसके पीछे का खौफनाक सच जान सब हैरान हैं।
दरअसल, यह मामला डायन बिसाही से जुड़ा बताया जा रहा है। हाटगम्हरिया थाना क्षेत्र के नुरदा गांव के तुंगबासा बस्ती में डायन बताकर आदिवासी परिवार के चार लोगों की नृशंस हत्या कर दी गई।
मृतकों में माता-पिता, तीन साल की बच्ची और आठ महीने का बच्चा शामिल है। हत्या के बाद सभी शवों को टूकड़े-टूकड़े कर रेल पटरी पर फेंक दिया गया, ताकि इसे रेल दुर्घटना का रूप दिया जा सके।
शनिवार की सुबह चक्रधरपुर रेल मंडल के केंदपोसी-तालाबुरू के बीच चारों क्षत-विक्षत शव बरामद हुए। घटना की सूचना मिलते ही जगन्नाथपुर के एसडीपीओ राकेश नंदन मिंज घटनास्थल पर पहुंचे और जांच शुरू कर दी।
मृतक महिला के हाथ-पांव रस्सी से बंधे हुए थे। वहीं दोनों बच्चे के शव बोरी में बंद थे। देर शाम गांव के जुंबल सिंकू ने मृतकों की पहचान अपने छोटे भाई बिनू सिंकू, उसकी पत्नी और दोनों बच्चों के रूप में की।
उन्होंने पुलिस को बताया कि उनके छोटे भाई की पत्नी को गांव के लोग अक्सर डायन बताकर प्रताड़ित करते थे।
मृतक के भाई जुंबल सिंकू ने बताया कि पहले भी उसके भाई की पत्नी पर डायन बिसाही का आरोप लगाकर लोगों ने मारपीट की थी। यह मामला गांव में मुंडा के सामने भी उठा था।
इसी आरोप में अब उसकी एवं पूरे परिवार की हत्या कर दी गई। इससे पहले हमलावरों ने पूरे परिवार को घर के पास पेड़ से बांधकर पीटा।
फिर सभी को काट डाला और रेल पटरी पर फेंक दिया। उन्होंने बताया कि भाई की 15 साल की बेटी को भी मार डालना चाहते थे। लेकिन उसने भागकर जान बचाई।
एसडीपीओ राकेश नंदन ने कहा कि घटनास्थल का जायजा लेने से पता चल गया था कि हत्या कहीं और की गई और शव को पटरी पर फेंक दिया गया।
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