नयी दिल्ली: गगनयान मिशन के लिए कठोर प्रशिक्षण ले रहे वायुसेना के चार पायलट को उड़ान भरने का 2,000 से 3,000 घंटे का लंबा अनुभव है और इनमें से दो को प्रतिष्ठित ‘स्वोर्ड ऑफ ऑनर’ से सम्मानित किया जा चुका है।
गगनयान मिशन के लिए नामित किये गए चार अंतरिक्ष यात्रियों में, ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर, अंगद प्रताप, अजीत कृष्णन और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला शामिल हैं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में इन चार पायलट को ऐतिहासिक मिशन के लिए चुने जाने पर शुभकामनाएं दीं।
उन्होंने कहा, ‘‘नये भारत की आकांक्षा और महत्वाकांक्षा एक लंबी छलांग लगाने के लिए तैयार है…मुझे विश्वास है कि वे भारत को उसकी पहली स्वदेशी मानव अंतरिक्ष उड़ान के सपने को साकार करने में मदद करेंगे।’’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केरल की यात्रा के दौरान चारों अंतरिक्ष यात्रियों के नामों की घोषणा की, जो देश के पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन-‘गगनयान’ के लिए प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।
उन्होंने इन चारों को ‘अंतरिक्ष यात्री पंख’ प्रदान किये। मोदी ने इन चार अंतरिक्ष यात्रियों को ‘‘चार ताकतें’’ करार दिया, जो देश के 1.4 अरब लोगों की आकांक्षाओं को समाहित करती हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि ग्रुप कैप्टन नायर का जन्म 1976 में केरल में हुआ था और वह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) के पूर्व छात्र हैं।
उन्हें वायुसेना अकादमी में ‘स्वोर्ड ऑफ ऑनर’ से सम्मानित किया गया था। यह सर्वश्रेष्ठ कैडेट को दिया जाने वाला सम्मान है।
अधिकारी ने कहा, ‘‘वह एक उड़ान प्रशिक्षक हैं और लगभग 3,000 घंटे की उड़ान भरने का उन्हें अनुभव है।
उन्होंने सुखोई-30 एमकेआई, मिग-21,मिग-29, हॉक, डॉर्नियर और एएन-32 सहित विभिन्न प्रकार के विमान उड़ाए हैं।’’
ग्रुप कैप्टन कृष्णन भी एनडीए के पूर्व छात्र हैं। उनका जन्म 1982 में चेन्नई में हुआ था। उन्हें ‘प्रेसीडेंट्स गोल्ड मेडल’ और वायुसेना अकादमी में ‘स्वोर्ड ऑफ ऑनर’ मिला है।
प्रवक्ता ने कहा, ‘‘उन्हें लगभग 2,900 घंटे उड़ान भरने के अनुभव है। वह एक उड़ान प्रशिक्षक और एक परीक्षण पायलट भी हैं। उन्होंने विभिन्न प्रकार के विमान उड़ाए हैं।’’
प्रवक्ता ने कहा कि एनडीए के पूर्व छात्र ग्रुप कैप्टन प्रताप का जन्म 1982 में प्रयागराज में हुआ था। वह एक उड़ान प्रशिक्षक और परीक्षण पायलट हैं जिन्हें विभिन्न विमान उड़ाने का करीब 2,000 घंटे का अनुभव है।
उन्होंने बताया कि विंग कमांडर शुक्ला का जन्म 1985 में लखनऊ में हुआ था और वह भी एनडीए के पूर्व छात्र हैं। प्रवक्ता ने बताया कि उन्हें विभिन्न विमानों से उड़ान भरने का करीब 2,000 घंटे का अनुभव है।
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