YouTubers and influencers:
नई दिल्ली, एजेंसियां। यूट्यूबर और इन्फ्लुएंसर्स को कमाई पर इनकम टैक्स की नजर है। अब सोशल मीडिया के ज़रिए कमाई करने वालों को आयकर विभाग से अपनी इनकम का हिसाब देना होगा। आयकर विभाग ने ITR-3 और 4 में बड़ा बदलाव करते हुए इन फॉर्मों में पाँच नई पेशेवर श्रेणियों (कोड) को जोड़ा है। जिसका सीधा असर अब सोशल मीडिया सोशल मीडिया मंच और यूट्यूब से कमाई करने वालों (कंटेंट क्रिएटर्स, इन्फ्लुएंसर, यूट्यूबर), वायदा एवं विकल्प ट्रेडर, कमीशन एजेंट, सट्टा कारोबार से जुड़े लोगों समेत अन्य व्यक्तियों पर भी पड़ेगा।
आये के विस्तृत स्रोत का ब्योरा देना होगाः
अब इन्हें अपनी आय के स्रोत का विस्तृत ब्योरा देना होगा और उससे जुड़े फॉर्म भी भरने होंगे। कई ऐसे पेशेवर अपनी आय की जानकारी देते समय ‘अन्य’ श्रेणी का चुनाव करते थे। जिससे विभाग के लिए यह जानना मुश्किल हो जाता था कि पेशेवर वास्तव में किस व्यवसाय से अपनी आय अर्जित कर रहा है। लेकिन, अब नये कोड जारी होने के बाद यह समस्या ही खत्म हो जाएगी। आयकर विभाग अब इनपर बेहतर तरीके से नज़र रख पायेगा। जिससे कर की चोरी को रोका जा सकेगा।

इन्हें अब देना होगा विस्तृत ब्योरा:
जो लोग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और यूट्यूब पर कंटेंट बनाकर, उत्पादों का प्रमोशन या विज्ञापन करके कमाई करते हैं। इनके लिए 16021 नाम से एक नया पेशेवर कोड पेश किया गया है।
शेयर बाजार में वायदा और विकल्प ट्रेडिंग से आय कमाने वाले।
विभिन्न प्रकार के कमीशन से आय प्राप्त करने वाले।
सट्टा व्यापार से होने वाली आय वाले।
इन श्रेणियों से जुड़े अन्य व्यवसाय करने वाले।
अब भरना होगा फार्मः
अब इन पेशेवर को अपनी इनकम और टैक्स के अनुमान के हिसाब से ITR-3 या ITR-4 (सुगम) में से कोई एक फॉर्म चुनना होगा। ये नई कैटेगरीज़ फॉर्म के ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरह के सॉफ्टवेयर में जोड़ दी गई हैं।
इसे भी पढ़ें
Youtuber Jyoti: यूट्यूबर ज्योति के बिहार और झारखंड से जुड़े तार