रांची। इस वर्ष मार्च के पहले सप्ताह से ही गर्मी ने दस्तक दे दी है। पारा 30 के पार पहुंच गया है। आइये हम बताते हैं इसकी वजह। मौसम विभाग का कहना है कि जनवरी और फरवरी में देश भर में बारिश सामान्य से 59 फीसदी कम रही है।
उत्तर पश्चिम भारत में तो यह 64.4 फीसदी कम रही है। इसके कारण धरती की सतह की गर्मी नहीं गयी और दोनों महीनों में तापमान सामान्य से ज्यादा रहा। फरवरी 2025 का औसत तापमान तो अब तक सर्वाधिक दर्ज कि गया है।
इसमें तो 1.34 डिग्री की वृद्धि हुई है जो 1901 के बाद सर्वाधिक है। इसके मुकाबले औसत न्यूनतम तापमान में 1.20 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई है। यह भी अब तक सर्वाधिक वृद्धि है। भारत सरकार के मौसम विभाग के अनुसार मार्च में करीब 29.9 मिमी बारिश होती है।
पूर्वानुमान के अनुसार, इससे कम या ज्यादा बारिश की बड़ी रेंज है, अगर बारिश कम होती है जो गर्मी बढ़ सकती है। सर्दियों में संक्रांति के बाद सूर्य के उत्तर की ओर बढ़ने के साथ सर्दियों के बसंत में बदलने के साथ, भारत में अधिकतम तापमान में वृद्धि की प्रवृत्ति दिखाई देती है
जिसकी शुरुआत दक्षिणी भागों से होती है उसके बाद मध्य और उत्तरी भारत में तापमान की वृद्धि होती है।
जलवायु परिवर्तन भी है बड़ा कारण
जलवायु परिवर्तन पर नजर रखने वाले वैज्ञानिकों का कहना है कि 99 प्रतिशत से अधिक वैज्ञानिक इस बात से सहमत है कि जलवायु परिवर्तन का सबसे प्रमुख कारण इंसानों की वजह से हो रहा प्रदूषण और कार्बन उत्सर्जन है और जब तक हम प्रदूषण को खत्म नहीं कर देते, तब तक गर्मी और ज्यादा बढ़ती जायेगी।
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