रांची। झारखंड राज्य तेजस्विनी कर्मचारी संघ ने अपनी पांच सूत्री मांगों को लेकर राजधानी रांची में धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शन समाप्त होने के बाद ज्ञापन भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नाम सौंपा गया। इन कर्मचारियों का कहना है कि बीते 7 अगस्त को भी इन्होंने अपनी मांगों के साथ मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया था।
उस दिन 3 प्रतिनिधि मंडल के साथ मुख्यमंत्री की प्रधान सचिव वंदना दादेल ने मुलाकात की थी। उन्होंने कहा था कि एक सप्ताह के उनकी मांगों को वे मुख्यमंत्री के पास ररखेंगी। 15 दिन से भी ज्यादा का समय बीत गया है, लेकिन अब तक उनकी मांगों पर कोई पहल नहीं हुई है। इसलिए वे पुन: सड़क पर उतरे हैं।
उनका कहना है कि इन लोगों ने कई बार मुख्यमंत्री के पास, बाल विकास मंत्री के पास, विभागीय निदेशक के पास, सचिव के पास अपनी मांग रखी है। कई बार शिष्टमंडल से वार्ता भी हुई, लेकिन कोई सकारात्मक पहल नहीं हो सकी। इसलिए मजबूरन इनको आंदोलनरत होना पड़ा है।
ये हैं मांगें
कर्मचारियों की मुख्य मांग है उनका स्थाई समायोजन करना। जब तक समायोजन नहीं होता तब तक दीर्घकालिक अवधि विस्तार करना। तेजस्विनी कर्मचारियों को यात्रा भत्ता देना। तेजस्विनी महिला कर्मचारियों की कार्यक्षेत्र में सुरक्षा की गारंटी एवं मातृत्व अवकाश देना।
कर्मचारियों को दुर्गम एवं पहाड़ी भत्ता के साथ-साथ राज्य कर्मियों की भांति सभी सुविधा देना। तेजस्विनी कर्मचारियों ने बताया कि उपरोक्त पांच सूत्री मांग को विभाग द्वारा पूरा नहीं किया गया। संघ विभागीय सचिव से लगातार अपनी मांगों को पूरा करने के लिए प्रयासरत है।
लेकिन आज तक सिर्फ कोरा आश्वासन ही मिलता रहा। मुख्यमंत्री सचिवालय भी लंबित मांगों को पूरा करने के लिए पत्र भेजी गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसलिए तेजस्विनी कर्मचारी जिनकी संख्या 10000 से अधिक है आंदोलन करने को मजबूर हैं।