Bihar Politics:
पटना, एजेंसियां। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एक चौंकाने वाला सर्वे सामने आया है, जिसमें महागठबंधन को फिलहाल एनडीए से मामूली बढ़त मिल रही है। वोट वाइब के कोफाउंडर अमिताभ तिवारी द्वारा कराए गए सर्वे के अनुसार, महागठबंधन को 36% और एनडीए को 35% वोट मिल रहे हैं। इसके अलावा, प्रशांत किशोर की ‘जन सुराज’ को 10% लोग एक विकल्प के रूप में देख रहे हैं। इस सर्वे में सबसे बड़ी बात यह है कि नौकरी के मुद्दे पर 40% लोग महागठबंधन को अधिक भरोसेमंद मानते हैं, जबकि एनडीए पर यह आंकड़ा घटकर केवल 30% रह गया है।
अमिताभ तिवारी के मुताबिक
अमिताभ तिवारी के मुताबिक, दोनों गठबंधनों के वोट ब्लॉक लगभग तय हैं। महागठबंधन का मुख्य आधार MY (मुस्लिम-यादव) जबकि एनडीए का आधार EBC, महादलित, और अपर कास्ट वर्ग है। इस बीच, 48% लोग सरकार के खिलाफ नाराजगी जता रहे हैं, और 54% लोग अपने विधायक को बदलना चाहते हैं। यह नाराजगी महागठबंधन और जन सुराज के बीच बांटी जा सकती है।
यशवंत देशमुख का कहना है
सी वोटर के फाउंडर यशवंत देशमुख का कहना है कि प्रशांत किशोर दोनों प्रमुख गठबंधनों के वोट काट सकते हैं, और चुनावी जंग में नीतीश कुमार की कम सक्रियता भी एनडीए के लिए नुकसानदायक हो सकती है। वहीं, तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री पद की पहली पसंद बने हुए हैं, लेकिन उनका चुनाव अभियान अब तक अपेक्षाकृत शांत दिख रहा है।
सतीश के सिंह का मानना है
वरिष्ठ पत्रकार सतीश के सिंह का मानना है कि एनडीए का ‘जंगलराज’ नरेटिव अब कमजोर पड़ चुका है। हाल ही में हुई हत्याओं और कानून-व्यवस्था की स्थिति ने इस प्रचार को प्रभावहीन बना दिया है। साथ ही, बेरोजगारी की गंभीर स्थिति भी तेजस्वी यादव या महागठबंधन के पक्ष में जा सकती है, जो एनडीए के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है।
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