बर्ड फ्लूः क्या हैं लक्षण और बचाव के उपाय
रांची। रांची में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद पशुपालक और स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है।
बर्ड फ्लू की पुष्टि होते ही स्थिति का जायजा लेने के लिए संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी के साथ विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम दिल्ली से रांची पहुंच चुकी है।
संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए उठाए जा रहे कदम और स्वास्थ्य सेवाओं की आपात स्थिति से निपटने की तैयारियों की जानकारी केंद्रीय टीम ले रही है।
दिल्ली से आई केंद्रीय टीम के हेड डॉ. रजनीश गुप्ता ने कहा कि बीमारी का प्रसार अन्य जगहों पर न हो इसके लिए एपिक सेंटर यानि जहां पर संक्रमण मिला है उसके एक किलोमीटर के दायरे में मुर्गी, बत्तख, अंडे की आवाजाही और खरीद बिक्री पर रोक लगा दी गयी है।
इन क्षेत्रों में मुर्गियों, बत्तख की कलिंग भी कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि ज्यादा पैनिक होने की आवश्यकता नहीं है।
बस सावधान होने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बर्ड फ्लू संक्रमित पक्षियों-कुक्कुटों से यह वायरस इंसानों में पहुंच सकता है। ऐसे में सावधानी बरतना बहुत जरूरी है।
डॉक्टरों के अनुसार जिनके घरों में कुक्कुट है या जो पॉल्ट्री फार्म में मुर्गियों की देखरेख करते हैं, उसके हैंडलर हैं।
उनमें अगर एवियन इन्फ्लूएंजा के लक्षण जैसे तेज बुखार, गले में खराश, सर्दी-जुकाम, शरीर में तेज दर्द, छाती में कफ, सांस लेने में दिक्कत, भूख में कमी जैसे लक्षण दिखें तो खुद को आइसोलेट कर तुरंत डॉक्टर से मिले।
जिस इलाके में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है उसके आसपास के एक किलोमीटर के रेडियस में रहने वाले लोगों को कम से कम 21 दिन तक चिकन, अंडा खाने से परहेज करना चाहिए।
बर्ड फ्लू के एपिक सेंटर से एक किलोमीटर के क्षेत्र में चिकन और अंडे की खरीद-बिक्री पर भी रोक लगा दी गयी है।
जब तक यह सुनिश्चित नहीं हो जाये कि बर्ड फ्लू का संक्रमण समाप्त हो गया है, तब तक खानपान में सावधानी बहुत जरूरी है।
यन इन्फ्लूएंजा वायरस से संक्रमण की स्थिति में लगभग वही लक्षण उभरते हैं जो सामान्य सीजनल सर्दी खांसी में होते हैं।
लेकिन, जब बर्ड फ्लू किसी इलाके में फैला हो तो सामान्य फ्लू को भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
ऐसे समय में लोग मास्क लगाएं और सेनेटाइजर का उपयोग करना भी उनके लिए लाभकारी होगा।
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