Teachers’ Salary Will Decrease:
रांची। झारखंड के सरकारी स्कूलों में पदस्थापित करीब 12,000 शिक्षकों का वेतन घटेगा। इसे लेकर शिक्षकों में रोष है। दरअसल, पिछले दिनों वित्त विभाग ने राज्य के सभी उपायुक्तों को एक पत्र भेजा है, जिसमें बताया गया है कि एक जनवरी 2006 यानी छठा वेतनमान लागू होने से पूर्व बहाल जिन कर्मियों को भी बंचिंग का लाभ (वेतन की असमानता को दूर करने के लिए अतिरिक्त इंट्रीमेंट) मिला है, वह गलत मिला है।
उन्हें बंचिंग का लाभ नहीं मिल सकता है। बंचिंग का लाभ लेने वाले कर्मियों के वेतन में कटौती का आदेश दिया गया है। इस आदेश के बाद राज्य के करीब 12,000 शिक्षकों समेत अलग-अलग विभागों में पदस्थापित कर्मियों के वेतन में प्रति माह करीब 9,000 रुपये की कटौती हो जायेगी। साथ ही पिछले करीब 20 वर्षों में उन्होंने जो भी अतिरिक्त राशि वेतन के रूप में लिया है, उसकी रिकवरी भी करने की तैयारी है। वित्त विभाग के इस पत्र के बाद शिक्षकों में हड़कंप मच गया है।
Teachers’ Salary Will Decrease: वेतन निर्धारण के लिए क्या है भारत सरकार की गाइडलाइनः
वेतन बैंड / वेतनमान में वेतन का निर्धारण 1 जनवरी 2006 को यथा विद्यमान मौजूदा मूल वेतन को 1.86 के गुणक से गुणा करके तथा इस प्रकार प्राप्त संख्या को 10 के अगले गणज से पूर्णांकित करके किया जाएगा। उदाहरण के तौर पर जैसे 2451 हो तो 2460 तक बढ़ा दिया जाएगा।
यदि संशोधित वेतन बैंड / वेतनमान का न्यूनतम उपर्युक्त (1) के अनुसार प्राप्त राशि से ज्यादा है तो वेतन संशोधित वेतन बैंड / वेतनमान के न्यूनतम पर निर्धारित किया जाएगा।
उदाहरण: अगर किसी कर्मचारी का 1 जनवरी 2006 को मूल वेतन 5000 रुपये था, तो:
- 5000 × 1.86 = 9300
- इसे अगली दस की संख्या पर राउंड करेंगे = 9310
- अब, मान लीजिए अपग्रेड किए गए पद का ग्रेड पे है 4200
- तो कुल वेतन = 9310 4200 = 13,510 रुपये
Teachers’ Salary Will Decrease: 20 साल के बाद वित्त विभाग की टूटी है नींदः
झारखंटड में 1998, 1999, 2000, 2004 एवं 2005 में शिक्षकों की बहाली हुई। इसके कुछ दिनों के बाद यानी एक जनवरी 2006 को छठा वेतनमान लागू कर दिया गया। जिसके बाद शिक्षकों के ग्रेड पे को रिवाइज कर दिया गया। केंद्र सरकार ने वेतनमान के निर्धारण के लिए रूल 1 और रूल 2 को तय किया। 2006 में सभी शिक्षकों के वेतनमान का निर्धारण रूल 2 के अनुसार कर दिया गया। कुछ ऐसे शिक्षक भी थे, जो 93,000 से 34,200 के वेतनमान तक नहीं पहुंच पा रहे थे, उन्हें अतिरिक्त इंक्रीमेंट का लाभ देकर छठा वेतनमान दिया गया। लेकिन, अब करीब 20 साल के बाद वित्त विभाग की नींद टूटी और विभाग ने एक पत्र जारी कर कहा है कि शिक्षकों को रूल 1 के अनुसार ही वेतनमान दिया जाना था। पूर्व में तय किए गए वेतनमान को रद्द करने का निर्देश दिया गया है।
Teachers’ Salary Will Decrease: अधिकारियों की गलती की सजा शिक्षकों को क्यों ?
2006 से पूर्व बहाल शिक्षकों या अन्य कर्मियों का पे-फिक्सेशन भारत सरकार के रूल नंबर 2 के अनुसार किया गया है। उक्त वेतन निर्धारण तत्कालीन विभागीय अधिकारियों ने की। जिला लेखा पदाधिकारी सह उपायुक्त ने उसका सत्यापन भी किया। जिसके बाद उसे लागू कर दिया गया। करीब 20 वर्षों से शिक्षक बढ़े हुए वेतनमान पर सैलरी ले रहे हैं।
अब जब आठवां वेतनमान की सुगबुगाहट तेज हुई है, तो वित्त विभाग की नींद टूटी है और वेतनमान में संशोधन करने का निर्देश दिया गया है। शिक्षकों से राशि रिकवरी की तैयारी भी है। शिक्षकों का कहना है कि आखिर इस पूरी प्रक्रिया में शिक्षक की कहां गलती है, क्या शिक्षकों ने जबरदस्ती गलती करवाई। क्या किसी शिक्षक ने वेतनमान तय किया था। दोषी अधिकारियों के बजाय शिक्षकों पर क्यों कार्रवाई की जा रही है।
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