TCS employees:
नई दिल्ली, एजेंसियां। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) अपनी ग्लोबल वर्कफोर्स में करीब 12,000 कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की योजना बना रही है। यह अब तक की सबसे बड़ी छंटनी मानी जा रही है। कंपनी ने इस कदम के पीछे कई कारण बताए हैं, जिनमें अंतरराष्ट्रीय मंदी, क्लाइंट्स द्वारा खर्चों में कटौती और तेजी से बदलती टेक्नोलॉजी शामिल हैं। हालांकि, इसे सीधे तौर पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से जोड़ना सही नहीं होगा।
छंटनी के मुख्य कारण और प्रभावित कर्मचारी वर्ग
TCS के CEO के. कृतिवासन ने बताया कि जिन कर्मचारियों के पास अब कंपनी की नई तकनीकी जरूरतों के अनुसार स्किल्स नहीं हैं, उनकी छंटनी की जाएगी। खासकर मिड-लेवल और सीनियर लेवल के कर्मचारी इस छंटनी से सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। इसके अलावा, जो कर्मचारी लंबे समय से प्रोजेक्ट पर नहीं हैं, यानी ‘बेंच’ पर हैं, वे भी सबसे पहले नौकरी से बाहर हो सकते हैं।
TCS का भविष्य का विजन: “फ्यूचर-रेडी” कंपनी
कंपनी अब अपनी टीम को नए तरीके से तैयार कर रही है ताकि वह AI, क्लाउड और डिजिटल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में आगे बढ़ सके। इसके तहत अब तक करीब 5.5 लाख कर्मचारियों को बेसिक AI ट्रेनिंग और 1 लाख से अधिक लोगों को एडवांस AI स्किल्स दी जा चुकी हैं।
सीनियर कर्मचारी बदलाव के साथ खुद को नहीं ढाल पाए
हालांकि, कई सीनियर कर्मचारी इस बदलाव को अपनाने में असमर्थ रहे हैं, जिसके कारण उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है।
क्या है भविष्य?
TCS की यह छंटनी बड़ी संख्या में कर्मचारियों को प्रभावित करेगी, खासकर उन लोगों को जिनके पास नई तकनीकों में दक्षता नहीं है या जो लंबे समय से प्रोजेक्ट्स से दूर हैं। कंपनी का मकसद खुद को एक “फ्यूचर-रेडी” संस्था बनाना है, ताकि वैश्विक प्रतिस्पर्धा में बने रह सके।
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