Tariff:
नई दिल्ली,एजेंसियां। अमेरिका ने चीन पर 104% टैरिफ (शुल्क) लगाने का ऐलान किया है। यह कदम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से एक बड़ी व्यापार नीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य चीन से आने वाले सामानों पर भारी शुल्क लगाना और उसे अमेरिकी बाजारों में प्रतिस्पर्धा करने से रोकना है।
Tariff: क्या होगा भारत पर असर?
चीन पर लगे इस शुल्क से भारत को फायदा हो सकता है। अगर चीन के सामान पर यह शुल्क लागू होता है, तो वैश्विक बाजार में चीनी सामान महंगा हो जाएगा, जिससे भारत के उत्पादों की मांग बढ़ सकती है। खासकर भारत में ऐसे उद्योग जो चीन से सीधे प्रतिस्पर्धा करते हैं, उन्हें इस टैरिफ से फायदा हो सकता है। भारत को चीन से निर्यात में पहले ही भारी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन अब अमेरिका के इस कदम से भारतीय निर्यातकों के लिए नए मौके खुल सकते हैं। उदाहरण के लिए, भारतीय इलेक्ट्रॉनिक सामान, कपड़े और रासायनिक उत्पादों की मांग बढ़ सकती है।
Tariff: वैश्विक अर्थव्यवस्था पर असर
इस टैरिफ के प्रभाव से न केवल चीन और अमेरिका, बल्कि समग्र वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ेगा। चीन को इस शुल्क से नुकसान होगा क्योंकि उसके उत्पाद महंगे हो जाएंगे और अमेरिकी बाजार में उनकी बिक्री घट सकती है। दूसरी ओर, भारत जैसे विकासशील देशों के लिए यह एक अवसर हो सकता है, क्योंकि वे चीन के स्थान पर अमेरिकी बाजार में अपने उत्पादों को स्थापित कर सकते हैं।
Tariff: भारत का क्या करना चाहिए?
भारत को इस स्थिति का फायदा उठाने के लिए अपनी निर्यात नीतियों में बदलाव करने की जरूरत हो सकती है। भारतीय कंपनियों को अब अपने उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार और लागत को कम करने की दिशा में कदम उठाने चाहिए ताकि वे अंतरराष्ट्रीय बाजार में अधिक प्रतिस्पर्धी बन सकें। इसके अलावा, भारत को अपनी व्यापार नीति को वैश्विक स्तर पर अधिक आकर्षक बनाने के लिए कदम उठाने चाहिए, ताकि अमेरिकी और यूरोपीय देशों में भारतीय उत्पादों की मांग बढ़ सके।
इस व्यापार युद्ध में जहां चीन और अमेरिका की तकरार बढ़ रही है, वहीं भारत के लिए यह एक मौका हो सकता है, जिसे सही रणनीति के साथ उपयोग किया जा सकता है।
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