रांची : झारखंड की राजधानी रांची में जल्द ही लोग फाइव स्टार ताज होटल का दीदार कर सकेंगे। राज्य सरकार ने इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए रांची में इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड (आइएचसीएल) को कोर कैपिटल एरिया में छह एकड़ जमीन लीज पर उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है।
टाटा समूह की इस अग्रणी कंपनी की ओर से विकसित ताज होटल ने भारत एवं विश्व में अत्यंत प्रतिष्ठित आतिथ्य स्थल होने का गौरव प्राप्त किया है।
झारखंड पर्यटन नीति 2021 के तहत टाटा के साथ इस मसले पर करार हुआ था। सरकार ने कोर कैपिटल एरिया के भूखंडों में से छह एकड़ का प्लाट इस कंपनी को उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। आइएचसीएल की ओर से यहां 200 कमरों के साथ-साथ बैंक्वेट हाल आदि का निर्माण किया जाएगा।
वहीं, इस इलाके में जीआरडीए की ओर से बिजली, जलापूर्ति जैसी सुविधाएं सुनिश्चित की जाएंगी। रांची का ताज होटल जब बनकर तैयार होगा तो इसकी खासियतों का खुलासा होगा। पर आज हम बताने जा रहे हैं मुंबई के ताज होटल के बनने की कहानी और खासियत। मुंबई के होटल ताज का निर्माण टाटा समूह के संस्थापक जमशेद जी नशरवान जी टाटा ने किया था।
लेकिन इस होटल के निर्माण के पीछे एक कहानी है जिसके कारण जमशेद जी टाटा होटल बनाने के लिए प्रेरित हुए। बताया जाता है कि ब्रिटिश काल में एक सबसे भव्य होटल में जमशेद जी टाटा को प्रवेश करने से मना कर दिया गया था क्योंकि उस होटल में सिर्फ गोरे लोगों की ही इंट्री थी।
जमशेद जी टाटा ने इसे पूरे भारतीयों का अपमान समझा और फैसला किया कि वे एक ऐसा होटल बनाएंगे जहां केवल भारतीय ही नहीं बल्कि दुनिया के सभी लोगों को बिना किसी प्रतिबंध के आने और रहने की अनुमति होगी। इस सपने को पूरा करने के लिए टाटा साहब ने देश का पहला सुपर लक्जरी होटल का निर्माण किया।
आज ताज दुनिया का सबसे भव्य होटलों में शुमार है। हाल ही में होटल ताज की गुणवत्ता और आतिथ्य सत्कार के कारण इसे अंतराष्ट्रीय स्तर पर दुनिया का सबसे होटल ब्रांड में शामिल किया गया है। मुंबई में स्थित होटल ताज को वास्तुशिल्प का अदभुत नूमना माना जाता है।
होटल ताज की नींव टाटा समूह के संस्थापक जमशेद जी टाटा ने वर्ष 1898 में रखी और 16 दिसंबर 1902 में मेहमानों के आतिथ्य सत्कार के लिए सबसे पहले इस होटल के दरवाजे खुले थे। जबकि 31 मार्च 1911 में उसके ठीक सामने गेटवे ऑफ इंडिया की नींव रखी गई थी।
ताज पैलेस बिजली से जगमगाने वाली बॉम्बे की पहली इमारत है। इस होटल को दो अलग-अलग इमारतों से मिलाकर बनाया गया है। इसमें एक का नाम है ताजमहल पैलेस जबकि दूसरे का नाम है ताज टावर। दोनों इमारतों का ऐतिहासिक स्वरूप और स्थापत्य स्वरूप एक दूसरे से अलग है।
ताजमहल पैलेस 20वी शताब्दी की शुरूआत में बनाया गया था जबकि टॉवर काे 1973 में मेहमानों के लिए खोला गया था। इस होटल की भव्यता के कारण यहां कई देशों के राष्ट्रपति, उद्योग जगत की बड़ी हस्तियां, हॉलीवुड और बॉलीवुड की हस्तियां भी यहां का आतिथ्य का आनंद उठा चुके हैं।
रतनबाई पेटिट, पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना की दूसरी पत्नी, 1929 में अपने अंतिम दिनों के दौरान होटल में रहती थीं। इसके अलावा भी कई बड़ी हस्तियों का जन्म भी है। टाटा साहब की दरियादिली का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पहले विश्वयुद्ध के समय इस होटल को 600 बेड का एक सैन्य अस्पताल में बदल दिया गया था।
इस होटल को ब्रिटिश राज के समय से ही बेहतरीन होटलों में से एक माना जाता है। वर्ष 2008 में पाकिस्तान की ओर से मुंबई हमला हुआ था। इस हमले का मुख्य लक्ष्यों में से एक लक्ष्य था होटल ताज। इस होटल की भव्यता ऐसी कि दुश्मन देश भी इससे जलते हैं इसीलिए मुंबई में जब आंतकी हमला हुआ तो आंतकवादियों ने इस होटल को काफी नुकसान पहुंचाया।
दुनिया भर के नायाब पेटिंग, हस्तकला के कई आकृतियों को नष्ट कर दिया गया। होटल को भी जलाने की कोशिश की गई। इसके बावजूद होटल ताज पूरे विश्व में अपनी विशिष्ट पहचान बनाए हुए है।
कई उतार चढ़ाव के बावजूद ताज होटल को ग्लोबल ब्रांड इक्विटी मॉनिटर, ब्रांड फायनांस पर सबसे अच्छा स्कोर मिला है। जो उसे दूसरों से बेहतर बनाता है।
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