Sambhal Masjid case:
लखनऊ, एजेंसियां। उत्तर प्रदेश के संभल स्थित शाही जामा मस्जिद से जुड़ा मामला अब सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के 19 मई के आदेश पर रोक लगा दी है और यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया है। यह आदेश 25 अगस्त तक प्रभावी रहेगा। मामले की सुनवाई जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस अतुल एस चंदुरकर की पीठ द्वारा की गई।
संभल मस्जिद समिति
सुप्रीम कोर्ट में संभल मस्जिद समिति की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हुजेफा अहमदी ने दलील दी कि हाई कोर्ट का आदेश गलत है, जिसमें कहा गया था कि यह मामला पूजा स्थल अधिनियम के दायरे में नहीं आता। हिंदू पक्ष ने भी अपनी याचिका में यह तर्क दिया था कि क्योंकि मस्जिद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा संरक्षित एक स्मारक है, इसलिए यह एक्ट के दायरे से बाहर है। उन्होंने यह भी कहा कि वादी केवल स्मारक तक पहुंच की मांग कर रहे हैं।
हिंदू पक्ष
हिंदू पक्ष की ओर से अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने दलील दी कि हाई कोर्ट के आदेश के तहत मस्जिद को स्मारक मानते हुए, पूजा स्थल अधिनियम का कोई सवाल नहीं उठता। जैन ने यह भी तर्क दिया कि अगर यह स्मारक है तो इसे पूजा स्थल अधिनियम के दायरे में लाना गलत होगा।
मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह मामले में असंगत आदेश नहीं देना चाहते हैं और सोमवार तक हाई कोर्ट का आदेश देखेंगे। इसके साथ ही, उन्होंने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया, जिसका मतलब है कि मस्जिद के मामले में कोई नया बदलाव या कार्रवाई नहीं की जाएगी, जब तक कोर्ट की अंतिम सुनवाई नहीं होती।
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