Supreme Court:
नई दिल्ली, एजेंसियां। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-NCR में आवारा कुत्तों को हटाने के मसले पर दाखिल एक नई याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। यह याचिका दिल्ली नगर निगम (MCD) की ओर से हाल ही में जारी अधिसूचना के खिलाफ दायर की गई थी, जिसमें आवारा कुत्तों को शेल्टर होम में भेजने की कार्रवाई को चुनौती दी गई थी।
कोर्ट ने क्या कहा?
गुरुवार को जस्टिस जे. के. माहेश्वरी और जस्टिस विजय बिश्नोई की पीठ ने याचिका पर सुनवाई करने से साफ इनकार करते हुए कहा कि मामला पहले ही सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच के समक्ष लंबित है और उस पर फैसला सुरक्षित रखा जा चुका है।
याचिकाकर्ता की दलील क्या थी?
याचिकाकर्ता (एक वकील) ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 14 अगस्त को इस मसले पर अपना आदेश सुरक्षित रखा है, इसके बावजूद MCD ने अधिसूचना जारी कर दी, जिससे भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है। इसलिए इस अधिसूचना पर तत्काल रोक लगाई जाए।
सुप्रीम कोर्ट पहले ही दे चुका है निर्देश
11 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट की एक अन्य बेंच (जस्टिस जे. बी. पारडीवाला और जस्टिस आर. महादेवन) ने दिल्ली-NCR के अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे सभी क्षेत्रों से आवारा कुत्तों को हटाकर उन्हें डॉग शेल्टर होम में भेजें और 8 हफ्तों के भीतर संबंधित ढांचे की रिपोर्ट सौंपें।
कोर्ट की टिप्पणी
14 अगस्त को सुनवाई के दौरान तीन जजों की बेंच (जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एन. वी. अंजारिया) ने कहा था कि दिल्ली में आवारा कुत्तों की समस्या के लिए स्थानीय निकायों की निष्क्रियता जिम्मेदार है। कोर्ट ने आदेश को सुरक्षित रखा है।
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