Stock Market:
नई दिल्ली, एजेंसियां। 29 जुलाई 2025 को भारतीय बाजार ने चौथे दिन लगातार कमजोरी के साथ शुरुआत की। सुबह 9:15 बजे तक सेन्सेक्स लगभग 0.33% गिरकर 80,620.25 और निफ्टी 0.29% नीचे आकर 24,609.65 पर ट्रेड कर रहा था, जो पिछले छह सप्ताह के निचले स्तरों के करीब है । यह चिंता की स्थिति बनी हुई है, क्योंकि वैश्विक ट्रेड डील में देरी और विदेशी निवेशकों की बड़ी बिकवाली (₹60.81 अरब) ने संकट की स्थिति पैदा कर दी है ।
मिडकैप इंडेक्स
विशेष रूप से आईटी, बैंकिंग, और फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्टर सबसे अधिक प्रभावित हुये, जिसमें इंफोसिस, TCS, ICICI बैंक, HDFC बैंक जैसी कंपनियों के शेयरों में 1–2% तक गिरावट दर्ज की गई । वहीं, रियल्टी और मेटल सेक्टर के शेयरों ने मामूली लाभ दर्ज किया, जिससे सीमित समर्थन मिला । मिडकैप इंडेक्स में 0.11% की हल्की बढ़त रही, जबकि स्मॉलकैप 0.30% गिरावट के साथ मिश्रित रुझान दर्शाता है ।
वैश्विक बाजारों
वैश्विक बाजारों में भी बेचवाली का असर दिखा, एशियाई सूचकांक (MSCI एशिया-पैसिफिक) 0.68% नीचे, जापान का निक्केई 0.78% और दक्षिण कोरिया का कोस्पी 0.02% गिरा । अमेरिकी बाजारों में भी mixed रुख रहा—S&P में बहुत हल्की तेजी, जबकि डॉव जोन्स में गिरावट रही, जिससे वैश्विक नकारात्मक भावना बनी रही ।
निवेशकों की चिंता का मुख्य कारण
निवेशकों की चिंता का मुख्य कारण ट्रांसपोर्ट सीमा (August 1) तक यूएस-भारत व्यापार समझौते में देरी है। राष्ट्रपति ट्रम्प की नई टैरिफ चेतावनियों ने निवेशकों को सतर्क बना दिया है । इस तरह, नकारात्मक वैश्विक संकेत, विदेशी फंडों की निरंतर निकासी, कमजोर कॉर्पोरेट परिणाम और ट्रेड वार तनाव की स्थिति को देखते हुए इस सप्ताह भी बाजार में मंद मोड जारी रहने की आशंका है।
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