रांची। झारखंड में इस बार निर्धारित समय से पहले विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। बहुत संभावना है कि 15 सितम्बर तक चुनाव की घोषणा कर दी जाए।
चुनाव आयोग महाराष्ट्र और हरियाणा के साथ ही झारखंड में भी अक्टूबर में चुनाव कराने की तैयारी कर रहा है।
महाराष्ट्र और हरियाणा के साथ ही झारखंड में मतदाता पुनरीक्षण काम चल रहा है। बता दें कि साल 2019 में महाराष्ट्र और हरियाणा की मतदाता सूची का द्वितीय पुनरीक्षण कार्य झारखंड के साथ नहीं हुआ था।
साथ ही मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन अक्टूबर में किया गया था। लेकिन इस बार 20 अगस्त को ही आयोग ने मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन की तिथि तय की है।
1 जुलाई तय की गई थी अर्हता सूची
चुनाव आयोग ने मतदाता पुनरीक्षण के लिए एक जुलाई को ही अर्हता तिथि तय की थी। अगर आयोग को नवंबर में चुनाव की घोषणा करनी होती, तो मतदाता पुनरीक्षण के लिए एक अक्टूबर की अर्हता तिथि तय होती।
बता दें कि चुनाव आयोग के पास किसी सरकार का कार्यकाल पूरा होने के 180 दिन पूर्व चुनाव की घोषणा करने की संवैधानिक शक्ति प्राप्त है।
हालांकि, किसी सरकार का कार्यकाल समाप्त होने के कम से कम 45 दिनों हर हाल में चुनाव की घोषणा करना संवैधानिक बाध्यता है।
11 जुलाई को समीक्षा करेगा आयोग
11 जुलाई को आयोग सभी जिलों के डीसी के साथ मतदाता पुनरीक्षण के साथ चुनावी तैयारियों की भी समीक्षा करेगा। समीक्षा बैठक रामगढ़ जिला के पतरातू में होगी।
10 जुलाई को चुनाव आयोग के वरीय उप चुनाव आयुक्त धर्मेंद्र शर्मा व नितेश व्यास झारखंड आ रहे हैं।
उनके साथ आयोग के प्रधान सचिव अरविंद आनंद भी होंगे। उसी शाम को अधिकारी राज्य के मुख्य चुनाव पदाधिकारी के साथ मतदाता पुनरीक्षण और चुनाव की तैयारियों की समीक्षा करेंगे।
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