Shravan 2025:
रांची। सावन की पहली सोमवारी सिर्फ एक पर्व नहीं, एक जीवनशैली है…..यह आस्था और भक्ति का अनूठा संगम है। सावन का महीना और उसमें पहली सोमवारी… ये सिर्फ पूजा-पाठ का समय नहीं होता, बल्कि लोगों के जीवन में एक सकारात्मक ऊर्जा और आध्यात्मिक अनुशासन का आगाज़ होता है। खासकर युवाओं और महिलाओं में इस दिन को लेकर अलग ही तैयारी और उत्साह दिखता है।
कांवड़ से कपड़ों तक, हर चीज़ में दिखती है श्रद्धा की झलकः
पहली सोमवारी को श्रद्धालु न सिर्फ भोलेनाथ के रंग में रंगे मंदिरों में उमड़ते हैं, बल्कि उनके पहनावे, खान-पान और दिनचर्या में भी बदलाव आ जाता है। केसरिया वस्त्र, ओम-नमः-शिवाय की छपी टी-शर्ट्स, माथे पर चंदन का तिलक और हाथ में रुद्राक्ष की माला — हर चीज़ में एक आस्था का फैशन दिखाई देता है। खास कर सबकी जुबां पर बोल बम के जयकारे, तो माहौल को और भी भक्तिमय बना देते हैं।
सात्विक खान-पान और व्रत की परंपराः
इस दिन कई श्रद्धालु व्रत रखते हैं, बिना लहसुन-प्याज के सात्विक भोजन करते हैं और पूरे दिन जल, फल और दूध से काम चलाते हैं। कई लोग डिटॉक्स का हिस्सा मानकर भी सोमवारी व्रत को अपनाते हैं। इससे शरीर और मन दोनों को शांति मिलती है।

योग, ध्यान और आत्मिक शांति की ओर झुकावः
पहली सोमवारी का महत्व केवल पूजा तक सीमित नहीं है। कई लोग इस दिन सुबह जल्दी उठकर योग, ध्यान और मंत्रोच्चारण करते हैं। ये रूटीन धीरे-धीरे उनकी जीवनशैली का हिस्सा बन जाता है।
सजता है सावन बाजार, बढ़ती है अर्थव्यवस्थाः
सोमवारी से पहले बाजारों में भी रौनक लौट आती है। फूल, पूजन सामग्री, नारियल, बेल पत्र.शिव टी-शर्ट, कांवड़, मेहंदी, श्रृंगार का सामान और सजावटी आइटम की बिक्री बढ़ जाती है। ये त्योहार जहां एक तरफ आत्मिक संतुलन देता है, वहीं स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी गति देता है।
नए ज़माने की आस्था, स्टाइल के साथ संस्कारः
आज की पीढ़ी सावन और सोमवारी को नए अंदाज़ में जी रही है। इंस्टाग्राम पर ‘#SawanVibes’, ‘#BolBamLook’ और ‘#MondayMotivation’ जैसे ट्रेंड्स के ज़रिए युवा भोलेनाथ की भक्ति को भी फैशन और स्टाइल से जोड़ रहे हैं। मंदिरों के बाहर युवाओं और महिलाओं का हुजूम उमड़ रहा है, तो वहीं सोशल मीडिया पर पहली सोमवारी के संदेश वायरल हो रहे हैं।
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