पिस्का नगडी। केंद्रीय रेशम बोर्ड और केंद्रीय तसर अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान, नगड़ी (रांची) में शनिवार को राष्ट्रीय राजभाषा रेशम तकनीकी सेमिनार “रेशम उद्योग की उन्नति में अनुसंधान, प्रशिक्षण एवं प्रसार का योगदान का आयोजन किया गया।
इस सेमिनार का उद्देश्य राजभाषा हिन्दी को विज्ञान का माध्यम बनाते हुए रेशम उद्योग की सतत् वृद्धि एवं विकास को सुनिश्चित करना, चुनौतियों को समझना और इनसे निपटने के लिए भविष्य की रणनीतियों पर चर्चा करना है ।
यह आयोजन रेशम कृषकों की आय में वृद्धि करने और वैज्ञानिकों के बीच प्रौद्योगिकी प्रदर्शन, प्रचार-प्रसार और महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है । इस सेमिनार में 10 राज्यों के वैज्ञानिकों, शिक्षाविदों, विद्यार्थी शामिल हुए।
इस अवसर पर स्मारिका सह शोध संकलन का विमोचन, तसर रेशमकीट पर डाक टिकट का विमोचन, संस्थान के संपर्क एवं सोशल मीडिया पर क्यू-आर-कोड का विमोचन, मत्स्य आहार रेशमीन ट्रेडमार्क का अनावरण भी किया गया।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में संजीव कुमार,(अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं सदस्य सचिव, जैव-विविधता बोर्ड,झारखण्ड) उपस्थित हुए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता पी.शिवकुमार (सदस्य सचिव, केन्द्रीय रेशम बोर्ड, बेंगलूर) ने किया एवं विशिष्ट अतिथि डॉ. त्रिवेणी साहू, (कुलपति झारखण्ड खुला विश्वविद्यालय, रांची) और डॉ.अमित पाण्डेय, (निदेशक, वन उत्पादकता संस्थान, रांची) ने अपने विचार व्यक्त किये।
सेमिनार का आयोजन डॉ.एनबी चौधरी, (निदेशक, केन्द्रीय तसर अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान, नगड़ी, राँची) द्वारा किया गया।
श्री पी.शिवकुमार ने बताया कि यह सेमिनार नई तकनीकों की पहचान और इनसे संबंधित चुनौतियों के समाधान के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान किया एवं तसर रेशम संवर्धन के सम्पूपर्ण पहलुओं पर अनुसंधान और विकास, नई तकनीकों और चुनौतियों पर विचार-विमर्श तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में राजभाषा हिन्दी् के महत्व और इसके उपयोग पर जोर देते हुए व्यापक चर्चा होगी।
आयोजक संस्थान के निदेशक डॉ.एनबी चौधरी। ने कहा कि विश्वास है कि इस सेमिनार में दी गई प्रस्तुतियाँ और चर्चाएँ तसर रेशम उद्योग के विकास और नवाचार को प्रेरित करेंगी एवं रेशम कृषकों की आय में वृद्धि करने के साथ-साथ वैज्ञानिकों के बीच प्रौद्योगिकी प्रदर्शन, प्रचार-प्रसार को बढ़ावा देगा है ।
मुख्य अतिथि संजीव कुमार ने कहा कि यह सेमिनार रेशम संवर्धन के आगामी अनुसंधान और विकास कार्यक्रमों की समन्वित भावी रणनीति बनाने में सहायक होगा।
इसके साथ ही यह सेमिनार अनुसंधान एवं विकास के क्षेत्र में राजभाषा के उपयोग को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
कार्यक्रम का संचालन डा. जयप्रकाश पाण्डेय ने किया धन्यबाद ज्ञापन डा. विशाल मित्तल ने किया।
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