नई दिल्ली, एजेंसियां : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार, 19 मार्च को पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन वाले केस में अवमानना नोटिस जारी किया है।
रामदेव और आचार्य बालकृष्ण दोनों को अदालत में पेश होने का आदेश दिया गया है। दो सप्ताह बाद योग गुरु रामदेव बाबा को कोर्ट में हाजिर होने को कहा गया है।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 27 फरवरी को मधुमेह, बीपी, थायराइड, अस्थमा, ग्लूकोमा और गठिया जैसी बीमारियों से ‘स्थायी राहत, इलाज और उन्मूलन’ का दावा करने वाले पतंजलि के इश्तेहारों को भ्रामक बताया था। उनपर रोक लगा दी थी।
रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के MD बालकृष्ण से तीन हफ़्ते के अंदर जवाब भी मांगा था। लेकिन अदालत को रामदेव या पतंजलि की तरफ़ से कोई जवाब मिला नहीं।
न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने कंपनी और बालकृष्ण को पहले जारी किए गए अदालत के नोटिसों का जवाब दाखिल नहीं करने पर कड़ी आपत्ति जताई।
उन्हें नोटिस जारी कर पूछा गया था कि अदालत को दी गई अंडरटेकिंग का पहली नजर में उल्लंघन करने के लिए उनके खिलाफ अवमानना कार्यवाही क्यों नहीं शुरू की जाए।
साथ ही कोर्ट ने केंद्रीय आयुष मंत्रालय से भी जवाब मांगा था, कि पतंजलि के ख़िलाफ़ कार्रवाई क्यों नहीं की गई।
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