Aurangzeb:
उदयपुर, एजेंसियां। मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय में कुलपति डॉ. सुनीता मिश्रा के विवादित बयान ने छात्रों में भारी आक्रोश पैदा कर दिया है। एक सेमिनार के दौरान कुलपति ने औरंगजेब को “कुशल प्रबंधक” बताया था, जिसे लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के छात्रों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।
Aurangzeb: छात्रों का विरोध और हिंसक प्रदर्शन:
प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने प्रशासनिक भवन के शीशे तोड़े और पुलिस के साथ धक्का-मुक्की भी हुई। छात्रों ने कुलपति के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और उनकी तत्काल बर्खास्तगी की मांग की। इस बीच प्रदर्शनकारी छात्रों ने कुलपति डॉ. सुनीता मिश्रा का पुतला भी फूंका। छात्रों का कहना है कि यह बयान मेवाड़ की गौरवशाली परंपरा और स्थानीय संस्कृति का अपमान है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
Aurangzeb: प्रशासन की प्रतिक्रिया और स्थिति नियंत्रण:
विश्वविद्यालय प्रशासन और पुलिस मौके पर मौजूद रहे और स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया। हालांकि प्रशासन की ओर से अब तक कोई औपचारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
Aurangzeb: सामाजिक असर और जिम्मेदारी का सवाल:
इस पूरे घटनाक्रम ने यह सवाल उठाया है कि सार्वजनिक मंचों पर दिए गए बयानों का सामाजिक प्रभाव कितना व्यापक हो सकता है। छात्रों का कहना है कि ऐसे बयानों से क्षेत्रीय अस्मिता और सांस्कृतिक भावना पर चोट पहुंचती है, और ऐसे मामलों में जिम्मेदार व्यक्तियों की जवाबदेही अत्यंत आवश्यक है।
इस घटना ने फिर से दिखा दिया कि विश्वविद्यालय जैसे संस्थानों में दिए गए बयानों को गंभीरता से लेना और सांस्कृतिक संवेदनाओं का सम्मान करना कितना जरूरी है।
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