रांची। रांची यूनिवर्सिटी (आरयू) ने मार्कशीट बनाने में फिर बड़ी चूक की है। रिम्स से बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी (बीडीएस) सेशन 2018-22 के सभी पास आउट विद्यार्थियों को गलत अंकपत्र दिए गए हैं। इस बार फुल मार्क में गड़बड़ी हुई है।
सेकेंड बीडीएस में कुल 800 अंकों की परीक्षा रांची यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित की जाती है। लेकिन, आरयू की मार्कशीट में 600 अंक लिखा हुआ है।
यानी पूर्णांक में 200 अंक कम कर दिया गया है। सेशन 2018-22 के पास आउट स्टूडेंट्स देश के विभिन्न संस्थानों में सेवा दे रहे हैं।
विद्यार्थियों का कहना है कि संस्थानों में जमा मार्कशीट पर संदेह भी व्यक्त किया जा रहा है। वहीं, रिम्स डेंटल कॉलेज प्रबंधन ने भी गड़बड़ी में सुधार के लिए आज तक पहल नहीं की है।
अब आगे क्या होगा
बीडीएस के सभी छात्रों के अंक पत्र में गड़बड़ी है। इसलिए रांची यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा नया अंक पत्र जारी किया जा सकता है। हालांकि इससे पहले विश्वविद्यालय को एग्जामिनेशन बोर्ड से अनुमति लेनी होगी।
आरयू प्रशासन पहले भी कर चुका है गड़बड़ी
मारवाड़ी कॉलेजफोर्थ सेमेस्टर में फुल मार्क से ज्यादा से दे दिए नंबर
मारवाड़ी कॉलेज में ग्रेजुएशन के इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी फोर्थ सेमेस्टर सेशन 2021-24 की परीक्षा में परीक्षार्थियों को फुल मार्क से अधिक अंक दे दिए गए थे।
मीडिया में गड़बड़ी प्रकाशित होने के बाद कॉलेज प्रबंधन की ओर से छात्रों को नई मार्कशीट दी गई थी।
27 छात्रों के अंक पत्र में गड़बड़ी
रिम्स डेंटल कॉलेज के सेशन 2018-22 में 38 छात्र-छात्राएं बीडीएस परीक्षा में शामिल हुए थे। इनमें 27 पास हुए थे, जिनकी मार्कशीट में गड़बड़ी है।
परीक्षा अप्रैल 2023 में आयोजित की गई थी, जिसका रिजल्ट 2024 में घोषित किया गया। पहले ही इस बैच के छात्र सेशन लेट से परेशान थे। अब ये मार्कशीट से परेशान है।
फुल मार्क में गड़बड़ी होगी तो सुधार करेंगे
मुझे बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी की मार्कशीट में हुई गड़बड़ी की जानकारी नहीं थी। अब आपके माध्यम से पता चला है। इसकी जांच कराऊंगा। सुधार के बाद बहुत जल्द छात्रों को नई मार्कशीट जारी की जाएगी। -डॉ विकास कुमार, प्रभारी परीक्षा नियंत्रक, आरयू
मास कॉमफर्स्ट और सेकेंड सेमेस्टर में एक समान नंबर दिए
आरयू के पीजी मास कॉम सेशन 2021-23 में सभी 69 छात्रों को गलत अंक पत्र दे दिया गया था। फर्स्ट सेमेस्टर के नंबर को सेकेंड सेमेस्टर में हू-बहू जोड़ दिया गया था। इस कारण सभी छात्रों के नंबर गड़बड़ हो गए थे। बाद में नई मार्कशीट जारी की गई। बीडीएस सेकेंड में 800 की जगह 600 लिखा।
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