पलामू। टिकट से वंचित होने के बावजूद गिरिनाथ सिंह चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। वह 24 अप्रैल को नामांकन कर सकते हैं। बता दें कि हाल ही में गिरिनाथ सिंह भाजपा छोड़कर राजद में शामिल हुए थे।
उन्हें उम्मीद थी कि टिकट उन्हें मिलेगी और वह चतरा से चुनाव लड़ेंगे। परंतु इंडी गठबंधन में सीट शेयरिंग के क्रम में यह सीट कांग्रेस को चली गई। इससे गिरिनाथ काफी व्यथित हैं।
अब गिरिनाथ सिंह हर हाल में चतरा से चुनाव लड़ना चाहते हैं। हालांकि चतरा सीट कांग्रेस के झोली में चली गयी है और यहां से कांग्रेस ने उम्मीदवार के नाम की घोषणा भी कर दी है। चतरा से कांग्रेस ने पलामू के ही केएन त्रिपाठी चुनाव मैदान में उतारा है।
गिरिनाथ सिंह भाजपा छोड़ आरजेडी में शामिल ही इसलिए हुए थे कि उनको चतरा सीट से टिकट मिल जाए, गठबंधन धर्म के चक्कर में उनका पत्ता कट गया। अब गिरिनाथ सिंह अपने समर्थकों से मिल रहे हैं।
उनकी राय ले रहे हैं। सभी उन्हें चुनाव मैदान में देखना चाहते हैं। उन्होंने चुनाव लड़ने का पूरा मन बना लिया है। दरअसल चतरा में केएन त्रिपाठी के नाम का राजद कार्यकर्ताओं द्वारा विरोध किया जा रहा है।
ऐसे में अभी भी उन्हें उम्मीद है कि शायद कोई समीकरण बन जाये, इसलिए वह खुल कर नहीं बोल रहे हैं। 24 अप्रैल को चतरा में राजद का महासम्मेलन भी होने वाला है। उम्मीद है कि इस दिन कोई बड़ा निर्णय लिया जाए।
गिरिनाथ सिंह चतरा में अकेले नहीं है। उनको स्थानीय नेता अरुण सिंह का भी साथ मिल सकता है। दरअसल चतरा में केएन त्रिपाठी का भारी विरोध हो रहा है। राजद नेताओं का कहना है कि गिरिनाथ सिंह चतरा से डिजर्विंग कैंडिडेट हैं और टिकट उनको ही मिलना चाहिए।
बताते चलें कि राजद शुरू से ही झारखंड में दो सीटों की मांग कर रहा है। पलामू और चतरा पर राजद दावा पेश कर रहा है। इसके बावजूद भी चतरा सीट कांग्रेस की झोली में चली गई है।
चतरा में राजद नेताओं ने ठान ली है कि इस बार वहां आरजेडी का ही कैंडिडेट उतरे। बात सिर्फ यहीं तक नहीं रह गई है। आरजेडी सुप्रिमों लालू प्रसाद यादव तक भी विरोध के स्वर पहुंच गये हैं।
लालू यादव पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है कि चतरा में गिरिनाथ सिंह को टिकट दिलवाया जाए। राजद के वरिष्ठ नेता सुभाष यादव के आवास पर राजद कार्यकर्ताओं की आपात बैठक भी हो चुकी है।
इसमें दर्जनों दिग्गज नेता शामिल हुए। सभी ने एक स्वर में केएन त्रिपाठी का जमकर विरोध किया। बैठक में केएन त्रिपाठी वापस जाओ, बाहरी उम्मीदवार नहीं चलेगा जैसे नारेबाजी की गई।
अब कार्यकर्ताओं को उम्मीद लालू यादव से है, जो आज ही रांची आ रहे हैं। यहां कार्यकर्ता उनसे मिलकर अपनी बात रखेंगे।
इसे भी पढ़ें