Parliament:
रांची। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने मानसून सत्र में विपक्ष खासकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयानों को लेकर तीखा हमला बोला है। उन्होंने संसद के भीतर विपक्ष के रवैये को “गैर-जिम्मेदाराना” बताते हुए कहा कि सदन को बार-बार बाधित करना देश की लोकतांत्रिक परंपराओं के खिलाफ है। साथ ही उन्होंने कहा कि विपक्ष की मांगों पर चर्चा हो रही है, फिर भी वे हंगामा कर रहे हैं।
रिजिजू के बयान की मुख्य बातें:
राहुल गांधी की आलोचना करते हुए रिजिजू ने कहा:
“राहुल गांधी देश के खिलाफ बयान दे रहे हैं। वो छोटे बच्चे नहीं हैं। उन्हें समझना चाहिए कि उनकी हर बात का अंतरराष्ट्रीय असर होता है। भारत की छवि को नुकसान पहुंचाने का अधिकार किसी को नहीं है।”
विपक्ष के व्यवहार पर हमला:
“विपक्ष की मांग पर सरकार ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा लाई, लेकिन इसके बावजूद विपक्ष वेल में जाकर हंगामा कर रहा है। वो बहस से बचना चाहता है।”
लोकतंत्र की दुहाई देने वालों पर तंज:
“विपक्ष कहता है कि उन्हें बोलने नहीं दिया जाता, लेकिन सच ये है कि सदन चलने ही नहीं दिया जा रहा। विपक्ष को खुद आत्ममंथन करना चाहिए।”
CISF पर मल्लिकार्जुन खड़गे के आरोपों पर जवाब:
रिजिजू ने कहा कि CISF संसद की सुरक्षा के लिए है, ये सांसदों की ही मांग थी।
“टेबल पर चढ़कर नाचने वाले कुछ सांसदों की वजह से सुरक्षा और संसद की संपत्ति को बचाने के लिए कड़े कदम जरूरी हैं। किसी को बोलने से नहीं रोका जा रहा।”
चुनाव आयोग और वोट चोरी के आरोपों पर जवाब:
राहुल गांधी के वोट चोरी और EVM को लेकर दिए बयानों पर भी रिजिजू ने तीखा पलटवार किया।
“कांग्रेस कई राज्यों में जीतती है तो वह लोकतंत्र है, लेकिन हारती है तो लोकतंत्र खतरे में? ये दोहरा मापदंड है। संवैधानिक संस्थाओं को धमकी देना देश की जनता बर्दाश्त नहीं करेगी।”
बिहार SIR पर चर्चा को लेकर स्पष्टीकरण:
उन्होंने कहा कि किसी कार्यकारी मामले पर वही मंत्री जवाब देगा, जो उससे जुड़ा हो। साथ ही पूर्व स्पीकर बलराम जाखड़ की 1986 की रूलिंग का हवाला देते हुए कहा कि चुनाव आयोग के कार्यों पर संसद में चर्चा नहीं की जा सकती, हां चुनाव सुधार पर बहस हो सकती है।
संसद बाधित करने पर विपक्ष से माफी की मांग:
रिजिजू ने दो टूक कहा:“पिछले दो हफ्तों में विपक्ष ने संसद को बाधित किया है, देश की जनता इसका हिसाब विपक्ष से मांगेगी। उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए।”
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