Reverse Walking:
नई दिल्ली, एजेंसियां। वॉक करना सेहत के लिए लाभकारी होता है, लेकिन क्या आपने कभी उल्टा चलकर वॉक करने का सोचा है? रिवर्स वॉकिंग (Reverse Walking) यानी पीछे की ओर चलना, हाल ही में फिटनेस एक्सपर्ट्स और स्वास्थ्य प्रेमियों में लोकप्रिय हो रहा है। यह न केवल शरीर को टोन करता है बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी मजबूत बनाता है।
मांसपेशियों को बनाता है मजबूत:
रिवर्स वॉकिंग में सामान्य चलने की तुलना में अलग मसल्स ग्रुप एक्टिव होते हैं। विशेषकर काफ़, क्वाड्स और हैमस्ट्रिंग मांसपेशियां अधिक सक्रिय होती हैं। इससे बॉडी का वर्कआउट बैलेंस बेहतर होता है और मसल्स टोन तथा मजबूत बनती हैं। एथलीट और फिटनेस फ्रीक लोग इसे अपनी रूटीन में शामिल कर मांसपेशियों की ताकत बढ़ा सकते हैं।
एकाग्रता और संतुलन में सुधार:
पीछे की ओर चलने पर व्यक्ति को अधिक जागरूक और सतर्क रहना पड़ता है। यह प्रोप्रियोसेप्शन (शरीर की स्थिति की जागरूकता) को बेहतर बनाने में मदद करता है और संतुलन को भी सुधारता है। लगातार रिवर्स वॉकिंग करने से मानसिक एकाग्रता बढ़ती है और गिरने या चोट लगने का डर कम होता है।
दिल और वजन पर असर:
अध्ययन बताते हैं कि रिवर्स वॉकिंग करने से हृदय की धड़कन सामान्य चलने की तुलना में अधिक बढ़ती है। इससे दिल की सेहत बेहतर रहती है और शरीर में कैलोरी तेजी से बर्न होती है। नियमित रूप से पीछे की ओर वॉक करने से वजन नियंत्रण में रहता है और कार्डियो वर्कआउट का भी असर मिलता है।
कैसे करें रिवर्स वॉकिंग:
सुरक्षित जगह पर धीरे-धीरे पीछे की ओर चलें। शुरुआत में 5-10 मिनट करें और धीरे-धीरे समय बढ़ाएं। जरूरत पड़ने पर दीवार या रेलिंग का सहारा लें।रिवर्स वॉकिंग एक आसान, कम उपकरण वाली एक्सरसाइज़ है, जो शरीर और दिमाग दोनों को दुरुस्त रखती है। इसे अपनी रोज़मर्रा की फिटनेस रूटीन में शामिल कर आप स्वास्थ्य और मानसिक ताकत दोनों बढ़ा सकते हैं।
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