Regional Language: भोजपुरी, मगही, मैथिली और भूमिज को क्षेत्रीय भाषा में शामिल करने की मांग [Demand to include Bhojpuri, Magahi, Maithili and Bhumij in regional language]

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रांची। अखिल भारतीय भोजपुरी मगही मैथिली अंगिका मंच के अध्यक्ष कैलाश यादव के नेतृत्व में 6 सदस्यों का प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल संतोष गंगवार से राजभवन में मिला। इसी क्रम में भोजपुरी मगही मैथिली अंगिका भूमिज भाषा को नियोजन नीति में क्षेत्रीय भाषा के रूप में शामिल करने की मांग को लेकर राज्यपाल को ज्ञापन दिया गया। इसका नेतृत्व राजद महासचिव व मंच के अध्यक्ष कैलाश यादव ने किया।

नियोजन नीति में सिर्फ 12 भाषाएं ही शामिलः

उन्होंने राज्यपाल से आग्रह किया कि झारखंड सरकार द्वारा द्वितीय राजभाषा के रूप में मान्यता प्राप्त इन 17 भाषाओं में से केवल 12 को ही नियोजन नीति में स्थान दिया गया है, जबकि भोजपुरी मगही मैथिली अंगिका और भूमिज को इससे वंचित कर दिया गया है। कैलाश यादव ने कहा कि 29 अगस्त 2018 की अधिसूचना के अनुसार ये पांचों भाषाएं राज्य की द्वितीय राजभाषा हैं, परंतु कार्मिक विभाग की अधिसूचना में इन्हें क्षेत्रीय भाषा के रूप में मान्यता नहीं दी गई। उन्होंने राज्यपाल से आग्रह किया कि इन भाषाओं को भी नियोजन नीति में समावेशित कर न्यायसंगत सम्मान दिया जाए और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इस विषय में पत्र लिख कर अनुशंसा की जाए।

राज्यपाल से मिला ये आश्वासनः

राज्यपाल संतोष गंगवार ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि वे इस विषय को सरकार के समक्ष गंभीरता से उठाएंगे। प्रतिनिधिमंडल में अमरनाथ झा, सुधीर गोप, सुरेन्द्र मिश्रा, राधेश्याम यादव और सुनील पांडेय भी उपस्थित थे। राज्यपाल से मिलते मंच के पदाधिकारी।

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