रांची। रांची यूनिवर्सिटी में आने वाले दिनों में आईआईटी मद्रास के सहयोग से इनोवेशन सेंटर की स्थापना की जाएगी। इसे लेकर दोनों संस्थानों के बीच सैद्धांतिक सहमति बन चुकी है।
योजना के मुताबिक कार्य हुआ तो निकट भविष्य में इनोवेशन सेंटर स्थापित करने का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। हालांकि स्थापित करने को लेकर अभी तिथि तय नहीं हुई है। इस सेंटर को लेकर यूनिवर्सिटी प्रशासन बेहद उत्साहित है।
आईआईटी मद्रास के सहयोग से स्थापित होगा इनोवेशन सेंटर
इस सेंटर के माध्यम से राज्य के युवाओं, छात्रों, रिसर्च स्कॉलरों, शिक्षकों समेत अन्य लोगों के आइडिया को धरातल पर लाने में सहयोग मिलेगा। वहीं स्टार्टअप को गति मिल सकेगी।
यूनिवर्सिटी प्रशासन का आइडिया को उचित मार्गदर्शन नहीं मिलने के कारण भी लक्ष्य से भटक जाता है।
बताते चलें कि रांची यूनिवर्सिटी के वीसी डॉ. अजीत कुमार सिन्हा ने इस सेंटर स्थापित करने के लिए पहल की थी, जो अब मूर्तरुप लेनेवाला है।
इस सेंटर का उद्देश्य नवाचार और उद्यमशीलता की क्षमता को बढ़ावा देना है। छात्रों, शोधकर्ताओं के साथ-साथ समुदाय को सोचने और विचार करने और समाधान निकालने में मदद मिलेगा।
शिक्षकों का मानना है कि इस इनोवेशन सेंटर स्थापित होने के बाद व्यापक बदलाव देखने को मिलेगा। इससे सबसे अधिक लाभान्वित युवा होंगे।
30 हजार युवाओं को मिलेगी ट्रेनिंग
आरयू स्किल इंडिया के सहयोग से 30 हजार युवाओं को देगी ट्रेनिंग रांची यूनिवर्सिटी प्रशासन स्किल इंडिया के सहयोग से 30 हजार युवाओं को स्किल्ड करने की ट्रेनिंग देगा।
इसके लिए रांची यूनिवर्सिटी और स्किल इंडिया के बीच एमओयू कर लिया गया है। ट्रेनिंग देने का कार्य शीघ्र शुरू किया जाएगा।
डिमांड और युवाओं की रुचि के अनुसार स्किल्ड करने की योजना है। ताकि ट्रेनिंग के बाद रोजगार के लिए भटकना नहीं पड़े। बताते चलें ट्रेनिंग लेने वाले युवाओं को स्टाइपन भी दिया जाएगा।
रांची विवि और बीआइटी मेसरा के बीच एमओयू
बीआईटी मेसरा और रांची विश्वविद्यालय के बीच किया गया है एमओयू रांची यूनिवर्सिटी प्रशासन और बीआईटी मेसरा के बीच एमओयू किया गया है।
इसके तहत दोनों के बीच एकेडमिक एक्टिविटी का आदान प्रदान किया जाएगा। रांची यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स, रिसर्च स्कॉलर, टीचर बीआईटी मेसरा के लैब और लाइब्रेरी का उपयोग कर सकेंगे।
बताते चलें कि बीआईटी मेसरा का लैब अत्याधुनिक है। वहीं रांची यूनिवर्सिटी में वर्तमान समय में स्थिति बेहद खराब है, जिसे अपग्रेड करने के लिए यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा कदम उठाए जा रहे हैं।
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