रांची। बीजेपी के सामने आज यक्ष प्रश्न है कि 68 साल पूरा कर चुके रांची के विधायक सीपी सिंह का उत्तराधिकारी कौन होगा।
महाराष्ट्र, हरियाण के साथ ही झारखंड में भी विधानसभा चुनाव होने हैं। इसे लेकर राजनीतिक दलों में सरगर्मी बढ़ गई है। हर गुजरते दिन के साथ एक नयी युगलबंदी और सियासी समीकरण को धार देखने को मिल रही है।
झारखंड में भाजपा अपनी पूरी ताकत झोंकने की तैयारी में है और इसका कारण है पार्टी के आंतरिक सर्वे में सिकुड़ती सियासी जमीन का संकेत।
यही कारण है कि पार्टी ने झारखंड में अपने दो सबसे कद्दावर रणनीतिकारों को मैदान में उतार दिया है।
असम के सीएम हिमंता विश्व सरमा को उप प्रभारी और आदिवासी बहुल राज्य मध्य प्रदेश के चार-चार बार सीएम रह चुके केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान को प्रभारी बनाकर किसी भी सूरत में कमल खिलाने की जिम्मेवारी सौंपी गयी है।
हिमंता अपने चिर परिचित अंदाज में बांग्लादेशी घुसपैठ को मुद्दा बना कर सीएम हेमंत के खिलाफ मोर्चा खोलते दिख रहे हैं।
वहीं, शिवराज सिंह चौहान पार्टी के अंदर के विभाजन को समेटने की कोशिश में जुटे हैं। बंद कमरों में बैठकों का दौर जारी है।
कमरे बंद होने के बावजूद कई चर्चाएं बाहर आ रही हैं। इसमें सबसे ज्यदा चर्चा सीपी सिंह के उत्तराधिकारी को लेकर हो रही है। सीपी सिंह रांची विधानसभा सीट से लगातार पांच बार से जीतते आ रहे हैं।
नये चेहरे की तलाश शुरूः
सीपी सिंह के सियासी अवसान की खबरें पहले भी सियासी गलियारों में तैरती रही हैं। चर्चा है कि जीवन के 68 बसंत देख चुके सीपी सिंह को अब विश्राम देकर रांची सदर से किसी नये चेहरे को मौका दिया जा सकता है।
हालांकि सीपी सिंह की चाहत अभी कमसे कम एक और पारी खेलने की है। साथ ही वह कई मौकों पर अपने सम्मानपूर्ण विदाई की चाहत भी बयां कर चुके हैं।
दरअसल उनकी मंशा लोकसभा चुनाव लड़ने की थी, लेकिन पार्टी ने इस चाहत की अनदेखी करते हुए संजय सेठ पर भरोसा जताया।
अब जो खबर निकल कर सामने आ रही है कि पार्टी इस बार रांची से एक नये चेहरे पर दांव लगाने जा रही है।
इन 5 चेहरों की सबसे ज्यादा चर्चाः
संदीप वर्माः
इस हालत में सवाल खड़ा होता है कि इन आखिर ये चेहरे कौन है? वह संभावित उम्मीवार कौन है? जिनको भाजपा रांची सदर से मौका देने जा रही है, तो इसमें एक सबसे बड़ा चेहरा संदीप वर्मा का है।
पत्रकारिता जगत से जिंदगी की शुरुआत करने वाले संदीप वर्मा ने हिमाचल प्रदेश में दूरदर्शन के साथ जुड़कर लम्बे वक्त तक काम किया, बाद में सहारा टीवी के साथ जुड़ाव हुआ हुआ, झारखंड में पूर्व सीएम मधु कोड़ा के मीडिया सलाहकार रहें।
इसके साथ ही जनवितरण शिकायत आयोग, कमिश्नर के सदस्य भी रहे। राज्यसभा सांसद परिमल नाथवानी के सलाहकार रहें।
इस बीच राजनीति में दिलचस्पी बढ़ी और आजसू की सदस्यता ग्रहण की, आजसू के टिकट पर रांची विधानसभा से उम्मीदवार भी रहें। हारने के बाद बीजेपी से जुड़ गये।
खबर है कि संदीप वर्मा ना सिर्फ इन दिनों बेहद एक्टिव हैं, बल्कि पार्टी के बड़े नेताओं की बैठकी भी इनके आवास पर शुरू हो गयी है।
संदीप वर्मा के रांची विधानसभा से चुनावी अखाड़े में उतरने की चर्चा जोर पकड़ रही है।
संजीव विजयवर्गीयः
दूसरा नाम रांची के डिप्टी मेयर रह चुके संजीव विजय वर्गीय का है। इनकी चाहत भी रांची से चुनाव लड़ने की रही है। इनका नाम भी रेस में बताया जा रहा है।
संजीव विजयवर्गीय को रघुवर दास का करीबी माना जाता है। हालांकि इनके खिलाफ एक मामला काफी दिनों उछलता रहा है।
आरोप है कि डिप्टी मेयर रहते हुए इन्होंने अपने बेटे हर्षित विजयवर्गीय की कंपनी मेधा कंस्ट्रक्शन को अवैध तरीके से ठेका दिलाया था। प्रदान किया था, जिसको लेकर काफी विवाद हुआ था।
रमेश सिंहः
तीसरा नाम रमेश सिंह का है। इनकी गिनती रांची के बड़े बिल्डरों में की जाती है। लंबे समय से भाजपा से जुड़े हुए हैं।
दो साल पहले इनसे दो करोड़ रुपये की रंगदारी की मांग सुर्खियां बनी थी। इनका नाम भी सीपी सिंह के सियासी वारिस के रुप में उछाला जा रहा है।
आशा लकड़ाः
चौथा नाम रांची की पूर्व मेयर आशा लकड़ा का है। भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री का दायित्व संभाल चुकी आशा लकड़ा फिलहाल राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य हैं।
वैसे आशा लकड़ा का नाम राज्यसभा के लिए भी उछला था, साथ ही लोहरदगा संसदीय सीट से उम्मीदवार बनाने की चर्चा भी थी, लेकिन बाद में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग का सदस्य बनाकर एक्टिव राजनीति से किनारे कर दिया गया।
लेकिन विधानसभा चुनाव में आदिवासी बहुल सीटों से सफाये के बाद एक बार फिर से भाजपा के अंदर आशा लकड़ा को मुख्य मोर्चे पर लगाने की चर्चा हो रही है।
भैरव सिंहः
भैरव सिंह शहर का एक चर्चित नाम है, जो सीएम हेमंत सोरेन के काफिले को काला झंडा दिखाये जाने के बाद उछला था।
भैरव सिंह युवाओं में काफी लकोप्रिय हैं और समाज सेवा से भी जुड़े रहते हैं। वह आज हिंदुत्व के प्रतीक बन चुके हैं। रांची सीट पर उनके नाम की भी काफी चर्चा है।
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