Rajya Sabha:
नई दिल्ली, एजेंसियां। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने बुधवार को एक अहम बयान देते हुए कहा कि लोकतंत्र में शासन केवल कार्यपालिका द्वारा किया जा सकता है, न्यायालयों द्वारा नहीं। उन्होंने यह टिप्पणी डीएमके सदस्य कनिमोझी द्वारा राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) के विकेंद्रीकरण की मांग पर की।
Rajya Sabha: कनिमोझी ने किया सवाल
कनिमोझी ने सवाल किया था कि सरकार क्यों प्रवेश परीक्षा को अपने संस्थानों तक सीमित रखती है और इसे विकेंद्रीकृत क्यों नहीं किया जाता, ताकि राज्य बोर्ड परीक्षाओं में प्राप्त अंकों के आधार पर राज्य भरते हों।
Rajya Sabha: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा
इस सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि यह केंद्रीकृत परीक्षा प्रणाली यूपीए सरकार के दौरान शुरू की गई थी और सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर यह व्यवस्था बनी है। उन्होंने बताया कि मेडिकल प्रवेश परीक्षा अब केंद्रीकृत है और इसका उद्देश्य समान मानक बनाए रखना है।
Rajya Sabha: धनखड़ ने आगे कहा
संसदीय कार्यवाही के दौरान, धनखड़ ने आगे कहा कि कार्यपालिका संसद और उसके द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों के प्रति जवाबदेह होती है, न कि न्यायालय। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि न्यायपालिका को कार्यपालिका के दायित्वों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए, क्योंकि लोकतंत्र में शासन की जिम्मेदारी केवल कार्यपालिका की होती है।
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