रांची, एजेंसियां। राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने झारखंड विधानसभा से पारित झारखंड वित्त विधेयक को चौथी बार लौटा दिया है।
राज्यपाल ने कहा है कि विधेयक में जो संशोधन का प्रस्ताव है, वह केंद्र के क्षेत्राधिकार में आता है। राज्य सरकार उसमें संशोधन नहीं कर सकती।
इससे पहले भी राजभवन इस विधेयक को तीन बार लौटा चुका है। हालांकि, चौथी बार विधेयक लौटाए जाने की राजभवन द्वारा आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
जानकारी के मुताबिक राज्यपाल ने कहा है कि कस्टम बॉन्ड केंद्रीय सूची में आता है। इसे राज्य सरकार नहीं बदल सकती है। यह केंद्र के क्षेत्राधिकार का उल्लंघन होगा।
राज्यपाल ने विधेयक की धारा 30 पर भी आपत्ति की है। राज्यपाल के अनुसार, इस धारा का प्रविधान देश के अटार्नी जनरल तथा इंडिया बार एक्ट से प्रभावित है।
बताया जाता है कि राज्यपाल ने इस विधेयक पर अटॉर्नी जनरल से भी राय ली थी।
बता दें कि सबसे पहले तत्कालीन राज्यपाल रमेश बैस ने विधेयक के हिंदी एवं अंग्रेजी प्रारुप में भिन्नता के कारण तथा दूसरी बार बिना विधानसभा से दोबारा पारित किए जाने के कारण लौटा दिया था।
तीसरी बार उन्होंने राज्य सरकार को विधि विभाग से यह राय लेकर विधेयक भेजने को कहा था कि यह राज्य सूची में आता है या नहीं।
यह विधेयक भारतीय मुद्रांक अधिनियम, 1899, बिहार मनोरंजन ड्यूटी, कोर्ट फीस तथा मुद्रांक अधिनियम, 1948 (झारखंड में यथा योग्य लागू) में संशोधन को लेकर तैयार किया गया है।
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