Railway:
रामेश्वरम, एजेंसियां। समुद्र की लहरों को चीरता, शानदार इंजीनियरिंग और मॉडर्न तकनीक की ताकत का प्रमाण देता भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट वाला नया पंबन ब्रिज बनकर तैयार हो गया है। तमिलनाडु में स्थिति ये भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट रेलवे सी ब्रिज है, जो रामेश्वरम द्वीप को भारत की मुख्य भूमि (मंडपम) से जोड़ता है।
6 अप्रैल को रामनवमी के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका उद्घाटन करेंगे। पीएम नरेंद्र मोदी उसी दिन रामेश्वरम और तांबरम के बीच एक नई ट्रेन सेवा का भी उद्घाटन करेंगे।
Railway: इसे बनाने में करीब 535 करोड़ रुपये की लागत आई
1914 में बना पुराने पंबन ब्रिज अब 111 साल पुराना हो चुका है। जिसे दिसंबर 2022 में बंद कर दिया गया था। समुद्र के ऊपर रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) द्वारा तैयार किया ये 2.5 किलोमीटर लंबा नया पंबन ब्रिज पुराने पंबन पुल के समानांतर बनाया गया है।
इसको बनाने में करीब 535 करोड़ रुपये की लागत आई है। रेलवे ट्रैक के साथ-साथ वर्टिकल लिफ्ट वाले इस समुद्री पुल पर ट्रेन भी दौड़ेगी और इसके नीचे से बड़े जहाज भी गुजर सकेंगे। नया पंबन ब्रिज, भारतीय रेल की श्रेष्ठता और प्रतिबद्धता का बेमिसाल उदाहरण है।
Railway: सबसे बड़ी खासियत वर्टिकल लिफ्ट मैकेनिज्म
ब्रिज डिजाइन कैटगरी में नए पंबन ब्रिज की सबसे बड़ी खासियत इसका वर्टिकल लिफ्ट मैकेनिज्म है, जो इसके 72.5 मीटर के हिस्से को ऊपर उठा सकती है। इससे बड़े जहाज भी नीचे से बड़े आसानी से गुजर सकेंगे। यह पुराने ब्रिज से 3 मीटर ऊंचा है और समुद्र तल से 22 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
नए ब्रिज पर दोहरी रेल लाइनें हैं, इन पटरियों पर ट्रेनें 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकती है। पुराने पुल पर ट्रेनों की गति सीमा महज 10 किलोमीटर प्रति घंटे थी। इसके शुरू होने के बाद मंडपम से रामेश्वरम का सफर महज 20 मिनट में पूरा हो सकेगा।
Railway: रेलवे ट्रैक का एक हिस्सा 17 मीटर ऊपर उठ सकता है
समुद्री यातायात को सुगम बनाने के लिए रेलवे ट्रैक का एक हिस्सा 17 मीटर ऊपर उठ सकता है। पुराने ब्रिज की स्विंग को खुलने में 35 से 40 मिनट तक लगते थे, जबकी इसकी लिफ्ट खुलने में महज 5 मिनट 30 सेकंड लगते हैं। नए ब्रिज से समय की भी काफी बचत होगी।
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